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RSS Meeting: बेंगलुरु में शुक्रवार (21 मार्च) से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आरंभ हो गई है. इस बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले समेत 1,482 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. बैठक का मुख्य उद्देश्य संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की योजना बनाना और संगठन के कार्य विस्तार पर चर्चा करना है.
बैठक की शुरुआत में संघ के दिवंगत कार्यकर्ताओं और प्रमुख हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई. इन हस्तियों में स्वामी प्रनवानंदा तीर्थ पाद, शिरीष भारत मोरे, डॉ. मनमोहन सिंह, जाकिर हुसैन, एम.टी. वासुदेवन नायर, श्याम बेनेगल, प्रीतिश नंदी, एस.एम. कृष्णा, कामेश्वर चौपाल, तुलसी गौड़ा, सुप्रीतमा गौड़ा, शंकर दत्तावाड़े, देवेंद्र प्रधान और विवेक देवराज शामिल थे. इन सभी के योगदान को याद किया गया और उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया गया.
संघ की गतिविधियों में बढ़ोतरी
बैठक में संघ के पिछले वर्ष के कार्यों की समीक्षा की जा रही है और आगामी वर्ष के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है. संघटन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया जा रहा है. वर्तमान में संघ की 73,646 जगहों पर दैनिक गतिविधियां संचालित हैं जिनमें से 51,710 जगहों पर दैनिक शाखाएं और 22,000 जगहों पर साप्ताहिक गतिविधियां शामिल हैं. पिछले साल की तुलना में 10,000 से ज्यादा दैनिक शाखाएं बढ़ी हैं जिससे दैनिक और साप्ताहिक गतिविधियों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गई है.
ग्रामीण क्षेत्रों में संघ के कार्यों पर विशेष ध्यान
संघ के कार्यों पर विशेष ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों में दिया जा रहा है जहां पिछले वर्ष से 3,000 शाखाएं बढ़ाई गई हैं. शताब्दी विस्तार कार्यक्रम के तहत 2,453 कार्यकर्ताओं ने दो वर्षों तक निरंतर काम करने की जिम्मेदारी संभाली है. संघटन में युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है जिससे ये संगठन युवा बना हुआ है. वर्तमान में संघ की 89,706 सेवा गतिविधियां चल रही हैं जिनमें 40,000 एजुकेशन, 17,000 स्वास्थ्य और 20,000 सामाजिक जागरूकता से जुड़ी हैं.
मणिपुर की स्थिति पर संघ की चिंता
राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के दौरान महाकुंभ के आयोजन में हिंदू समाज के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी और केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार की प्रशंसा की गई. मणिपुर की स्थिति पर संगठन ने चिंता जाहिर की जहां पिछले 20 महीनों से अशांति है. केंद्र सरकार के प्रशासनिक और राजनीतिक फैसलों से मणिपुर के लोगों की आशाएं बढ़ी हैं. संघ के कार्यकर्ता उत्तर और दक्षिण भारत को विभाजित करने वाली शक्तियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और सामाजिक समरसता के लिए काम कर रहे हैं.
डिलिमिटेशन पर संगठन का बयान
डिलिमिटेशन (सीमा पुनर्निर्धारण) के मुद्दे पर संगठन ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा अनुपात के हिसाब से ही विस्तार किया जाएगा और अन्य आरोप राजनीति से प्रेरित लगते हैं. संगठन ने आपसी झगड़ों को देश के लिए हानिकारक बताया है. बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर एक प्रस्ताव लाया जाएगा जिसकी जानकारी बाद में दी जाएगी. संगठन मातृभाषा को सर्वोपरि मानता है और थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला पर कभी प्रस्ताव पारित नहीं किया है. मातृभाषा के अलावा, काम और नौकरी के लिए अन्य भाषाएं सीखना जरूरी है.