RSS Demands Action against Atrocities on hindus in Bangladesh from Indian Government Appeal for intervention from UN too
RSS Demands: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर आवाज उठाई गई. संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े होने का प्रस्ताव पारित किया और उनकी सुरक्षा की मांग की.
आरएसएस ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा लगातार हो रही सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त करती है. यह स्पष्ट रूप से मानवाधिकार हनन का गंभीर विषय है.
बांग्लादेश में तख्तापलट के समय से कई घटनाएं आ रही सामने
प्रस्ताव में कहा गया है कि बांग्लादेश में वर्तमान तख्तापलट के समय मठ-मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और शिक्षण संस्थानों पर हमले, मूर्तियों का अनादर, नृशंस हत्याएं, संपत्ति की लूट, महिलाओं के अपहरण और अत्याचार और मतांतरण जैसी कई घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इन घटनाओं को केवल राजनीतिक बताकर इनके मजहबी पक्ष को नकारना सच से मुंह मोड़ने जैसा होगा, क्योंकि अधिकतर पीड़ित हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से ही हैं.
संबंधों को गहरी हानि पहुंचा सकते हैं बांग्लादेश के वक्तव्य
आरएसएस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदू समाज, विशेष रूप से अनुसूचित जाति तथा जनजाति समाज का इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है. बांग्लादेश की आबादी में हिंदुओं का लगातार घटता अनुपात (1951 में 22 प्रतिशत से वर्तमान में 7.95 प्रतिशत) दर्शाता है कि उनके सामने अस्तित्व का संकट है. विशेषकर, पिछले वर्ष की हिंसा और घृणा को जिस तरह सरकारी और संस्थागत समर्थन मिला, वह गंभीर चिंता का विषय है. साथ ही, बांग्लादेश से लगातार आ रहे भारत-विरोधी वक्तव्य दोनों देशों के संबंधों को गहरी हानि पहुंचा सकते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय ताकतें जानबूझकर अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही
संघ ने इस बात पर चिंता जताई है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय ताकतें जानबूझकर भारत के पड़ोसी क्षेत्रों में अविश्वास और टकराव का वातावरण बनाते हुए एक देश को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही हैं. उसने प्रतिनिधि सभा, चिंतनशील वर्गों और अंतर्राष्ट्रीय मामलों से जुड़े विशेषज्ञों से भारत विरोधी वातावरण, पाकिस्तान तथा ‘डीप स्टेट’ की सक्रियता पर दृष्टि रखने और उन्हें उजागर करने की अपील की है.
कई हिंदू संगठनों ने इस हिंसा के खिलाफ आंदोलन किए
उसने कहा है कि कई हिंदू संगठनों ने इस हिंसा के खिलाफ आंदोलन एवं प्रदर्शन किए हैं और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा तथा सम्मान की मांग की है. इसके साथ ही, विश्व भर के अनेक नेताओं ने भी इस विषय को अपने स्तर पर उठाया है. भारत सरकार ने बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ खड़े रहने और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है. उसने यह विषय बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ-साथ कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया है.
संघ ने भारत सरकार से किया अनुरोध
संघ की ओर से कहा गया है, “प्रतिनिधि सभा भारत सरकार से अनुरोध करती है कि वह बांग्लादेश के हिंदू समाज की सुरक्षा, गरिमा और सहज स्थिति सुनिश्चित करने के लिए वहां की सरकार से निरंतर संवाद बनाए रखने के साथ-साथ हरसंभव प्रयास जारी रखे.”
‘बांग्लादेशी हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समाज एकजुट हों’
उसने संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और वैश्विक समुदाय से बांग्लादेश में हिंदू तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का गंभीरता से संज्ञान लेने और बांग्लादेश सरकार पर इन हिंसक गतिविधियों को रोकने का दबाव बनाने की अपील की. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “प्रतिनिधि सभा हिंदू समुदाय एवं अन्य देशों के नेताओं से तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से आह्वान करती है कि वे बांग्लादेशी हिंदू तथा अन्य अल्पसंख्यक समाज के समर्थन में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं.”
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