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RSS Chief Mohan Bhagwat Addresses Vision for Viksit Bharat 2024 Conference says has to use baton on own people also


RSS Chief Mohan Bhagwat Speech: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार (15 नवंबर. 2024) को गुरुग्राम में आयोजित ‘विकसित भारत की दिशा’ सम्मेलन में अपने विचार रखे. उन्होंने इस दौरान विकास और पर्यावरण की रक्षा को लेकर चर्चा की है. भागवत ने कहा, “विकास करें या पर्यावरण की रक्षा करें. दोनों में से एक चुनना है, लेकिन हमें दोनों को साथ लेकर चलना पड़ेगा.”

इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि जब तकनीकी प्रगति के मापदंडों की बात आती है, तो मात्र चार प्रतिशत जनसंख्या को 80 प्रतिशत संसाधन मिलते हैं और ऐसे विकास के लिए लोगों को पूरी मेहनत से काम करना पड़ता है. नतीजे न मिलने पर निराशा होती है और ऐसी स्थिति में कभी-कभी कठोर कदम उठाने पड़ते हैं और अपने ही लोगों पर डंडा चलाना पड़ता है, जो आज की स्थिति में साफ तौर से देखा जा रहा है.

‘हम रुके और हमारा पतन शुरू हो गया’

भागवत ने आगे कहा कि दुनिया भी यह मानती है कि 16वीं सदी तक भारत हर क्षेत्र में अग्रणी था. उन्होंने कहा,  “हमने कई महत्वपूर्ण खोजें की थीं, लेकिन उसके बाद हम रुक गए और हमारे पतन की शुरुआत हो गई.” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा यह मिसाल पेश किया है कि सभी को साथ लेकर चलना चाहिए.

आरएसएस चीफ के मुताबिक, व्यक्तिगत विकास में मन और बुद्धि का भी विकास होना चाहिए. विकास सिर्फ आर्थिक लाभ हासिल करना नहीं है, बल्कि यह मानसिक और भौतिक समृद्धि दोनों का मिलाजुला रूप होना चाहिए.

अध्यात्म और विज्ञान

भागवत ने यह भी कहा कि अध्यात्म और विज्ञान के बीच कोई टकराव नहीं है. दोनों का मकसद मानवता की भलाई है. उनके मुताबिक, यदि किसी को मोक्ष हासिल करना है, तो उसे अपने सांसारिक कर्मों को छोड़ना पड़ता है. उन्होंने कहा, “अर्थ (पैसा) कमाना है तो भागते रहो, बच्चों को अच्छे से रखना है, सुबह जाकर शाम को लौटना है, लेकिन इसके लिए कुछ न कुछ त्याग भी करना पड़ता है.”

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