RSS नेता भैया जी जोशी ने हिंसा को लेकर दिया बड़ा बयान, बताया दुनिया में कैसे आएगी शांति
<p style="text-align: justify;">राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सीनियर नेता सुरेश जोशी (भैया जी जोशी) ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए कभी-कभी हिंसा भी जरूरी है. गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि हिंदू हमेशा से ही अपने धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. अपने धर्म की रक्षा के लिए हमें वे काम भी करने होंगे, जिन्हें दूसरे लोग अधर्म करार देंगे. ऐसे काम हमारे महापुरुषों ने भी किए हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा जोशी ने कहा, "उसका बड़ा उदाहरण महाभारत का युद्ध है. कौरवों का पक्ष था, पांडवों का पक्ष था. कौरवों का पक्ष अधर्म करने वाला माना गया और पांडव धर्म के पक्ष में खड़े थे. युद्ध के सारे नियमों का कौरवों ने पालन किया, पांडवों ने तो युद्ध के नियमों को एक तरफ रखते हुए अधर्म पर विजय प्राप्त करने के लिए अपने व्यक्तिगत सारी बातों को समर्पित करते हुए, अधर्म को समाप्त करने का काम किया है. ये अधर्म और अधर्म का विवेक जो सिखाता है. धर्म है, अहिंसा का तत्व है, पर अहिंसा की रक्षा करने के लिए कभी-कभी हिंसा का भी आधार लेना पड़ता है नहीं तो अहिंसा का तत्व कैसे सुरक्षित रहेगा?" </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दुनिया में शांति को लेकर क्या बोले भैयाजी? </strong></p>
<p style="text-align: justify;">इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दुनिया में शांति की स्थापना पर बोलते हुए जोशी ने कहा, ”शांति वही स्थापित कर सकता है जो सबको साथ लेकर चलेगा. हर समुदाय अपने रास्ते पर चल सकता है, लेकिन अगर वे दूसरों को भी अपने रास्ते पर चलने की आजादी नहीं देंगे तो शांति कैसे कायम रहेगी?" </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भारत सबको साथ लेकर चलता है: भैयाजी </strong></p>
<p style="text-align: justify;">आरएसएस नेता ने कहा, "भारत के अलावा कोई अन्य देश नहीं है जो सभी को साथ लेकर चलता हो. यह हमारा "वसुदेव कुटुम्बकम" का मार्ग है. जब हम कहते हैं कि भारत को मजबूत होना चाहिए, तो हमें दुनिया को यह बताने की आवश्यकता है कि भारत और हिंदुओं का मजबूत होना सभी के सर्वोत्तम हित में है. यह कमजोरों और असहायों की रक्षा करेगा." </p>
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