Robert Vadra said this on social media before ED’s questioning in the land deal case
Haryana Land Deal Case: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को ईडी ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ के लिए बुलाया है. यह पूछताछ हरियाणा के शिकोहपुर जमीन सौदे से जुड़ी है. इस दौरान उनके साथ प्रियंका गांधी भी ईडी के ऑफिस पहुंची.
इससे पहले वाड्रा ने एक फेसबुक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “मेरे जन्मदिन के हफ्ते में मैंने जो समाजसेवा की योजनाएं बनाई थीं, उन्हें कुछ समय के लिए रोकना पड़ा है. मैंने बुजुर्गों को खाना खिलाने और बच्चों को गिफ्ट देने का प्लान बनाया था, जो मैं तब तक करता रहूंगा जब तक सरकार मुझे अच्छे काम करने से या अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में बोलने से नहीं रोकती.”
‘आखिर में जीत सच की ही होगी’
रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा, “अगर मैं राजनीति में आने की बात करता हूं, तो भी मुझे परेशान किया जाता है. लेकिन मैं लोगों की जरूरतें पूरी करता रहूंगा. मुझे कोई नहीं रोक सकता. मैं हर तरह के दबाव के लिए तैयार हूं. मैं सच में विश्वास करता हूं और मुझे भरोसा है कि आखिर में जीत सच की ही होगी.”
6 घंटे हुई थी पूछताछ
ईडी ने मंगलवार (15 अप्रैल) को रॉबर्ट वाड्रा से करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी. इस दौरान मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया. वाड्रा ने कहा था कि जब भी वो अल्पसंख्यकों की आवाज उठाते हैं, तो उन्हें टारगेट किया जाता है. उन्होंने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया और कहा कि जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि वो पहले भी जांच में पूरा सहयोग करते रहे हैं.
वाड्रा ने कहा, “जब मैं लोगों के हित में बोलता हूं तो मुझे चुप कराने की कोशिश की जाती है. जैसे संसद में राहुल गांधी की आवाज दबाई जाती है, वैसे ही मेरी भी. जब मैं लोगों की परेशानियों की बात करता हूं, तो मुझे दबाया जाता है.”
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, “मैं हर चीज के लिए तैयार हूं. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर वाड्रा ने कहा, “बीते 20 साल से ये लोग कुछ भी साबित नहीं कर पाए हैं. अगर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है तो सबूत दिखाओ. ये सब राजनीति से प्रेरित है और सरकार जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है.”
जानें क्या है पूरा मामला
यह मामला साल 2008 का है, जब हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे. उस वक्त हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी (व्यवसायिक कॉलोनी) बनाने की मंजूरी दी थी और इसके लिए लाइसेंस भी दिया गया था. आरोप है कि कॉलोनी बनाने की बजाय वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ये जमीन साल 2012 में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड नाम की कंपनी को 58 करोड़ रुपये में बेच दी.
कहा जा रहा है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को ये जमीन सरकार से बहुत सस्ते दाम पर मिली थी, और फिर ऊंचे दाम में बेचकर कंपनी ने करोड़ों का फायदा कमाया. इसी वजह से अब इस सौदे की जांच की जा रही है.