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RJD Will organize program on Karpuri Thakur death anniversar on February 17 in Sonbarsa Sitamarhi ANN


Karpuri Thakur Death Anniversar: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले अब जातियों को गोलबंद करने की तैयारी में वैसे तो सभी दल के लोग लगे हुए हैं. जाति के आधार पर वोट बैंक को साधने के लिए सभी दलों के जरिए बड़ी-बड़ी रैलियां भी की जा रहीं हैं. तो अब आरजेडी अतिपिछड़ा समाज से आने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) का सहारा लेकर को अति पिछड़ा वोटरों साधने की तैयारी में जुट गई है. कर्पूरी ठाकुर के विचारों के सहारे जन-जन तक पहुंचने का काम शुरू कर दिया गया है.

कर्पूरी ठाकुर की 37वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम

आरजेडी की ओर से सीतामढ़ी के सोनबरसा में 17 फरवरी को कर्पूरी ठाकुर की 37वीं पुण्यतिथि पर बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे. उससे चार दिन पहले आज आरजेडी प्रदेश कार्यालय से 11 कर्पूरी विचार रथ रवाना किया किया गया. इसका शुभारंभ पार्टी के प्रदेश महासचिव रणविजय साहू ने हरी झंडी दिखा कर की.

रणविजय साहू ने बताया कि यह रथ उत्तर बिहार के दरभंगा मधुबनी, जाले, सोनवर्षा सीतामढ़ी इलाकों में भ्रमण करेगी और कर्पूरी ठाकुर के विचारों को जन जन के बीच पहुंचाएगी. जातीय गणना के बाद नीतीश सरकार के जरिए बनाया गया आरक्षण के नियम को हाईकोर्ट के जरिए रोक लगाए जाने का भी मुद्दा अब आरजेडी चुनावी वर्ष उठाने वाली है.

रणविजय साहू ने कहा कि हम लोग  जनता के बीच जाने का काम शुरू किए हैं, जिसमें जनता को बताएंगे कि जब तेजस्वी यादव महागठबंधन की सरकार में थे तो 18 से 25% अति पिछड़ा और पिछड़ा को आरक्षण दिए थे, लेकिन केंद्र सरकार की मिली भगत से हाई कोर्ट से इसे रोक लगाया दिया गया. यह बात भी हम लोग जनता के बीच में ले कर जाएंगे. रणविजय साहु ने कहा की वर्तमान सरकार अति पिछड़ा की हाकमरी कर रही है.

अति पिछड़ा के हक को दिलाने के लिए यह रथ उन इलाकों में जाएगा, जहां अति पिछड़ा के साथ सोशन हो रहा है. कुल मिलाकर 17 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इस रथ के माध्यम से लोगों को सोनबरसा के कार्यक्रम में आने का निमंत्रण भी दिया जाएगा. अगर यह कार्यक्रम सफल रहा तो निश्चित तौर पर तेजस्वी यादव के लिए बहुत बड़ी सफलता होगी.

अति पिछड़ा वोट को साधने की प्रयास में आरजेडी

हालांकि कर्पूरी ठाकुर के नाम पर राजनीति सिर्फ आरजेडी ही नहीं जेडीयू और बीजेपी भी करते रही है. नीतीश कुमार ने तो पहले भी कहा है कि हम शुरू से कर्पूरी ठाकुर के विचारों पर चलकर अपना काम कर रहे हैं. वह परिवारवाद के खिलाफ थे और हमने भी कभी परिवार को राजनीति में नहीं लाया. तो वहीं बीजेपी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर अतिपिछड़ा समाज पर अपना हक जमा रही है. ऐसे में आरजेडी अब आरक्षण पर रोक लगाने वाला मुद्दा को उछाल कर अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की प्रयास में है.

बतादें कि बिहार में जो जाति आधारित गणना हुई, उसके अनुसार 36% अति पिछड़ा समाज के लोग हैं और यह समाज अगर किसी एक दल की और एकजुट हो गया तो उसकी सरकार बननी सुनिश्चित होगी. ऐसे में कोई भी पार्टी अती पिछड़ा को और कर्पूरी ठाकुर का सहारा लेने में चुकने वाली नहीं है. अब शुरुआत तेजस्वी यादव ने किया है तो निश्चित तौर पर आगे अन्य पार्टी भी अब कर्पूरी ठाकुर के सहारे चुनावी नैया पार करने की कोशिश में लगेंगे.

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