RJD faces big challenge from NDA in Nawada Gaya, Aurangabad and Jamui Lok Sabha seats
RJD Bihar Candidates: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन, चर्चा है कि आरजेडी ने पहले चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनके लिए प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया है. बिहार में पहले चरण में नवादा, गया, औरंगाबाद और जमुई में चुनाव होने हैं.
आरजेडी ने भले ही अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में भेज दिया हो, लेकिन इस चुनाव में एनडीए से उसे कड़ा मुकाबला करना होगा. माना जा रहा है कि आरजेडी इस चुनाव में अपनी खोई जमीन तलाश कर जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी.
औरंगाबाद और नवादा सीट पर है एनडीए का कब्जा
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की चर्चा करें तो आरजेडी यहां पहली बार चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है. सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने यहां से अभय कुशवाहा को सिंबल भी दे दिया है, लेकिन, आरजेडी के लिए यहां की राह आसान नहीं है. पिछले दो चुनाव में यहां से जेडीयू और बीजेपी ने जीत दर्ज की है. वहीं, नवादा की सीट भी अब आरजेडी के लिए आसान नहीं दिख रहा है. 2004 के चुनाव में यहां आरजेडी अंतिम बार जीती थी, उसके बाद यहां एनडीए का ही कब्जा रहा है. आरजेडी इस बार श्रवण कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाने वाली है, हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है.
गया सीट से जीतन राम मांझी देंगे टक्कर
गया सीट भी आरजेडी के लिए आसान नहीं है. गया से इस चुनाव में एनडीए की ओर से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी चुनावी मैदान में हैं. वहीं, आरजेडी यहां से पूर्व मंत्री सर्वजीत कुमार को प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि सर्वजीत कुमार को सिंबल भी दे दिया गया है. मोक्ष की धरती गया में आरजेडी के प्रत्याशी के रूप में 2004 में राजेश कुमार मांझी चुनाव जीते थे. उसके बाद 2009, 2014 और 2019 में यहां से एनडीए के प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे हैं.
जीत के लिए आरजेडी को करनी होगी कठिन मेहनत
जमुई सीट के लिए भी पहले चरण में मतदान होना है. कहा जा रहा है कि आरजेडी यहां से अर्चना रविदास को सिंबल दे चुकी है. एनडीए की ओर से यह सीट लोजपा (रामविलास) के कोटे में गई है. ऐसे में तय है कि मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधन में ही होगा. बीते तीन चुनाव में जमुई पर एनडीए का कब्जा रहा है. वर्ष 2014 और 2019 में एनडीए उम्मीदवार के रूप में चिराग पासवान जीतते रहे हैं. वहीं, ऐसे में इतना तय है कि आरजेडी को पहले चरण में जीत दर्ज करने के लिए कठिन मेहनत करनी होगी.
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