Rekha Gupta CM of Delhi BJP has achieved the formula of Arvind Kejriwal and Sheila Dixit
Rekha Gupta Delhi New CM: दिल्ली (Delhi) फतह के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य के मुख्यमंत्री का पद रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) को सौंप दिया है. रेखा गुप्ता शालीमार बाग से विधायक हैं और छात्र जीवन से ही बीजेपी से जुड़ी रही हैं. 1996-97 में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के टिकट पर दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव भी लड़ा और जीता है. माना जा रहा है कि रेखा गुप्ता का नाम सीएम पद के लिए देकर बीजेपी ने केजरीवाल और शीला दीक्षित दोनों के ‘महिला फार्मूले’ को साध लिया है.
फिर से महिला CM पर भरोसा
भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में आखिरी सीएम 26 साल पहले सुषमा स्वराज थीं. इसके बाद दिल्ली को कांग्रेस पार्टी से शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी से आतिशी बतौर महिला सीएम मिलीं. अब इस लिस्ट में चौथा नाम रेखा गुप्ता का शामिल हो गया है. रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ना सिर्फ दिल्ली की महिलाओं के दिल तक अपना रास्ता बना रही है, बल्कि देश की महिलाओं में भी एक संदेश पहुंचा रही है.
आपको बता दें, आतिशी के बाद देश में सिर्फ एक महिला सीएम, ममता बनर्जी रह गई थीं, लेकिन अब बीजेपी ने रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर पूरे देश की महिलाओं को संदेश दिया है कि वह लोकतंत्र में उनकी भागीदारी को अनदेखा नहीं कर रही है.
महिला वोटर कितनी
आपको बता दें, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स की संख्या 72,36,560 है. वहीं, इस बार के चुनाव में 60.92 प्रतिशत यानी 44,08,629 महिलाओं ने वोट किया था. जबकि, देश में महिला वोटरों की बात करें तो साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल महिला वोटरों की संख्या 39.7 करोड़ थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 89.6 करोड़ मतदाताओं में से महिला वोटरों की संख्या 43.1 फीसदी हो गई थी. 2024 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इसमें वोटरों की कुल तादाद बढ़ कर 96.8 करोड़ तक पहुंच गई. इसमें महिला वोटरों की संख्या 47.1 करोड़ थी.
केजरीवाल लगातार महिला वोटरों को साधते रहे हैं
ऐसा नहीं है कि महिला मतदाताओं को सिर्फ बीजेपी ने ही साधने की कोशिश की है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी महिला वोटरों को साधने के लिए कई काम किए, चाहे वह डीटीसी की बसों में महिलाओं की टिकट फ्री यात्रा हो या इस बार के विधानसभा चुनाव में महिला सम्मान स्कीम के तहत दिल्ली की हर महिला को 2100 रुपये महीना देने का वादा. इसके अलावा, जब केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, तब भी उन्होंने किसी और पर नहीं बल्कि एक महिला नेता पर ही भरोसा जताया और आतिशी को अपनी जगह दिल्ली का सीएम बनाया.
कांग्रेस भी महिला वोटरों को साधती रही है
कांग्रेस पार्टी की बात करें तो वह भी महिलाओं के मुद्दों पर चुनाव लड़ती रही है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने तो नारा दिया था लड़की हूं लड़ सकती हूं. हालांकि, यूपी में ये काम नहीं आया था. लेकिन, दिल्ली में कांग्रेस पार्टी एक महिला चेहरे पर ही केजरीवाल से पहले 15 वर्षों तक शासन कर रही थी. शीला दीक्षित ने 15 वर्षों तक एक सफल सीएम के रूप में दिल्ली में काम किया और कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाया.
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