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Received SOS Message From WhatsApp, Manipur MLA Helped 17 Year Old Boy – खतरे में थी 17 साल के लड़के की जिंदगी, BJP विधायक ने SOS मिलते ही ऐसे की मदद


क्या है पूरा मामला?

सितंबर 2023 में मणिपुर की राजधानी इंफाल में छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. इस दौरान पुलिस ने पैलेट गन से गोलीबारी की. इसमें 17 साल के किशन को 90 पैलेट गोलियां कंधे पर लगीं. किशन के परिजनों के लिए ये मुश्किल भरा समय लग रहा था. 

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’10BedICU’ प्रोजेक्ट से मिली मदद

आधार (Aadhaar) के पूर्व चीफ टेक्नोलोजी चीफ की संस्था ’10BedICU’ से जुड़ी बिसोया लोइटोंगबम को व्हाट्सएप पर एक SOS मैसेज मिला. जिसके बाद उन्होंने किशन की मदद करने की ठानी. मगर सबसे बड़ा सवाल ये था कि सर्जरी के खर्च के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी. साथ ही उन्हें ये भी नहीं पता था कि ये लोग दिल्ली में कहां रहेंगे और उसकी मदद के लिए किससे संपर्क किया जाए.

ऐसे हुई मदद की शुरुआत

’10BedICU’ प्रोजेक्ट म्यांमार बॉर्डर पर विस्थापित लोगों के लिए राहत कार्य करता है. बिसोया लोइटॉन्गबाम ने राहत कार्यों से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप में किशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा- किशन को 90 पैलेट्स लगे हैं. इंफाल में स्थित शिजा क्लिनिक में 60 पैलेट को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है, मगर 30 और निकालने के लिए डॉक्टरों ने दिल्ली में सर्जरी कराने का सुझाव दिया है. उन्होंने लिखा कि किशन के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल और RML अस्पताल के डॉक्टरों के साथ अपॉइन्टमेंट हो चुकी है.

अपनी जेब से फ्लाइट टिकट करवाया

बिसोया ने किशन और उसके परिवार के दो सदस्यों के लिए फ्लाइट टिकट की व्यवस्था की. इसके लिए उन्होंने अपनी जेब से 15 हजार रुपये दिए. मगर समस्या किशन और उनके परिजनों को दिल्ली में रहने की थी.

भाजपा विधायक को मिला मैसेज

तीन बार के विधायक रहे राजकुमार इमो सिंह को जब मैसेज मिला, तब उन्होंने मदद करने का फैसला लिया. हालांकि, भाजपा विधायक इंफाल घाटी में भारी ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए घरों की मरम्मत में काफी व्यस्त चल रहे थे. वे आयरन शीट लगवा रहे थे. मैसेज प्राप्त होने के बाद उन्होंने दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित मणिपुर भवन में किशन और उनके परिवार के दो सदस्यों के रुकने की व्यवस्था करवा दी. इसके लिए किशन और उनके परिवार के सदस्यों से कोई चार्ज नहीं लिया गया. साथ ही विधायक ने किशन के परिजनों को 25,000 रुपये जेब खर्च के लिए भी दिए.

लोइटोंगबाम का ’10BedICU’ प्रोजेक्ट कई राज्यों में चल रहा है. यह ग्रामीण और छोटे सरकारी अस्पतालों में ICU के बुनियादी ढांचे का निर्माण करता है.

कौन हैं बिसोया लोइटोंगबम ?

बिसोया लोइटॉन्गबाम एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. अशांत क्षेत्रों में वो हमेशा कार्य करती रहती हैं. उन्होंने जातीय हिंसा भड़कने पर मई 2023 में ₹ 1 लाख का दान दिया था. वहीं हिर्शस्प्रुंग बीमारी के साथ पैदा हुए एक बच्चे के इलाज के लिए भी उन्होंने मदद की थी. बच्चा एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित था. तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चे की मौत हो गई थी. लोइटोंगबम उन 12 सामाजिक कार्यकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित नेतृत्व और उत्कृष्टता के लिए इस वर्ष के शेवनिंग गुरुकुल फ़ेलोशिप के लिए चुना गया है. 12 में से 5 सामाजिक कार्यकर्ता महिलाएं हैं. इनमें दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और केंद्र सरकार के साथ काम करने वाले वरिष्ठ नौकरशाह शामिल भी शामिल हैं.





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