Rebublic Day Padma Awards 2024 34 Unsung Heroes Of Receiving Padma Shri This Year – देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ समेत 34 गुमनाम हस्तियों को पद्मश्री सम्मान, देखें पूरी लिस्ट
34 गुमनाम हस्तियों के बारे में जानिए:-
1. पार्वती बरुआ
असम के गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती बरुआ को शुरू से ही जानवरों से खास लगाव था. खासतौर पर हाथियों से उनका प्रेम रहा है. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जानवरों की सेवा में लगाने का फैसला कर लिया. पार्वती बरुआ एशियन एलीफैंट स्पेशलिस्ट ग्रुप, आईयूसीएन की सदस्य भी हैं. उनकी जिंदगी पर कई डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैं. वो हाथियों को बचाने के लिए भी काफी एक्टिव रहती हैं.
#PadmaAwards2024 | Parbati Baruah, India’s first female elephant mahout who started taming the wild tuskers at the age of 14 to overcome stereotypes, to receive Padma Shri in the field of Social Work (Animal Welfare). pic.twitter.com/Zt7YW3fNVe
— ANI (@ANI) January 25, 2024
2. यानुंग जमोह लेगो
पूर्वी सियांग की रहने वाली यानुंग जमोह लेगो हर्बल मेडिसीन एक्सपर्ट हैं. उन्होंने 10,000 से ज्यादा मरीजों की देखभाल की है. 1 लाख रोगियों को औषधीय जड़ी-बूटियों के बारे में शिक्षित किया है. साथ ही SHGs को भी इन जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी है.
#PadmaAwards2024 | Yanung Jamoh Lego, East Siang-based herbal medicine expert who has provided medical care to over 10,000 patients, educated 1 lakh individuals on medicinal herbs and trained SHGs in their use, to receive Padma Shri in the field of Others (Agriculture Medicinal… pic.twitter.com/DypOnTfdIy
— ANI (@ANI) January 25, 2024
3. हेमचंद मांझी
नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी 5 दशकों से ज्यादा समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा मुहैया करा रहे हैं. उन्होंने 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा करना शुरू कर दिया था. उन्हें चिकित्सा (आयुष पारंपरिक चिकित्सा) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया गया.
#PadmaAwards2024 | Hemchand Manjhi, a traditional medicinal practitioner from Narayanpur providing affordable healthcare to villagers for over 5 decades, having started serving the needy since the age of 15, to receive Padma Shri in the field of Medicine (AYUSH Traditional… pic.twitter.com/TlTZUIAF1v
— ANI (@ANI) January 25, 2024
4. चामी मुर्मू
चामी मुर्मू पिछले 28 साल में 28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकी हैं. चामी मुर्मू को नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 2019 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सम्मानित किया था.
5. जागेश्वर यादव
छत्तीसगढ़ के जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव को सामाजिक कार्य (आदिवासी पीवीटीजी) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा. उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
6. दुखू माझी
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. उन्होंने हर दिन अपनी साइकिल पर नए जगहों की यात्रा करते हुए बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए.
7. संगथंकिमा
मिजोरम के सबसे बड़े अनाथालय ‘थुतक नुनपुइटु टीम’ चलाने वाले आइजोल के एक सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा को सामाजिक कार्य (बाल) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा.
8. गुरविंदर सिंह
हरियाणा के सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह को इस बार पद्मश्री से नवाजा जा रहा है. उन्होंने बेघरों, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम किया है.
9. के चेल्लम्मल
अंडमान व निकोबार के जैविक किसान के. चेल्लम्मल (नारियल अम्मा) को अन्य (कृषि जैविक) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा. उन्होंने 10 एकड़ का ऑर्गेनिक फार्म विकसित किया.
10. प्रेमा धनराज
प्रेमा धनराज प्लास्टिक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन और सोशल एक्टिविस्ट हैं. वह आग में झुलसे पीड़ितों की देखभाल और उनके पुनर्वास के लिए काम करती हैं. प्रेमा धनराज आग से जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और नीति सुधार का समर्थन करती हैं.
11. सोमन्ना
मैसूरु के एक जनजातीय कल्याण कार्यकर्ता सोमन्ना को सामाजिक कार्य (आदिवासी पीवीटीजी) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जा रहा है. वह जेनु कुरुबा जनजाति के उत्थान के लिए 4 दशक से भी ज्यादा समय से लगातार काम कर रहे हैं.
12. सत्यनारायण बेलेरी
कासरगोड के चावल किसान सत्यनारायण बेलेरी 650 से अधिक पारंपरिक किस्मों के चावल को संरक्षित करके धान की फसलों के संरक्षक के रूप में विकसित हुए हैं. उन्हें कृषि अनाज चावल के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जा रहा है.
13. सरबेश्वर बसुमतारी
ये चिरांग के आदिवासी किसान हैं. इन्होंने सफलतापूर्वक मिक्स्ड इंटिग्रेटेड फार्मिंग के तरीके को अपनाया है. इस तरीके के जरिए उन्होंने नारियल संतरे, धान, लीची और मक्का जैसी विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती की.
14. उदय विश्वनाथ देशपांडे
अंतरराष्ट्रीय मल्लखंब कोच उदय विश्वनाथ देशपांडे ने वैश्विक स्तर पर इस खेल को पुनर्जीवित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए काम किया है. उन्होंने 50 देशों के 5,000 से अधिक लोगों को व्यक्तिगत रूप से इस खेल की ट्रेनिंग दी है. इसमें महिलाएं, दिव्यांगजन, अनाथ और आदिवासी भी शामिल हैं.
15. यज़्दी मानेकशा इटली
जाने-माने माइक्रोबायोलॉजिस्ट यज़्दी मानेकशा इटली ने भारत में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम (एससीएसीपी) की शुरुआत की. उन्होंने 2 लाख आदिवासियों की स्क्रीनिंग की है.
16. शांति देवी पासवान और शिवन पासवान
दुसाध समुदाय से आने वाले दंपति ने वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त गोदना चित्रकार हैं. उन्होंने अमेरिका, जापान और हांगकांग जैसे देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है. साथ ही 20,000 से अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग दी है.
17. रतन काहर
बीरभूम के प्रसिद्ध भादु लोक गायक रतन काहर को पद्मश्री दिया जा रहा है. वो 60 साल से ज्यादा समय से लोक संगीत में अपना योगदान दे रहे हैं. उन्हें जात्रा लोक रंगमंच में मनोरम भूमिकाओं के लिए जाना जाता है.
18. अशोक कुमार विश्वास
अशोक कुमार विश्वास को टिकुली के भीष्म पितामह कहा जाता है. विपुल टिकुली पेंटर को पुनरुद्धार करने का क्रेडिट उन्हें ही दिया जाता है. उन्होंने 8,000 से अधिक महिला कलाकारों को फ्री में ट्रेनिंग दी है.
19. बालकृष्णन सदनम पुथिया वीटिल
कल्लू कथकली गुरु बालकृष्णन सदनम पुथिया वीटिल को इस बार पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है. उन्होंने 25 देशों में 30 राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों की शोभा बढ़ाई. उन्होंने एक कोरियोग्राफर और निर्माता के रूप में 35 से अधिक नई रचनाएं कीं.
20. उमा माहेश्वरी डी
इन्हें ‘स्वर माहेश्वरी’ के नाम से भी जाना जाता है. ये पहली महिला हरिकथा प्रतिपादक हैं. संस्कृत पाठ में उनकी कुशलता है.