Ramadan 2024 Moon Seen On 11 March Taraweeh Prayers Will Completed In Gorakhpur These Mosque In So Many Days
UP Ramazan Preparation 2024: माह-ए-रमजजान का चांद सोमवार (11 मार्च) की शाम को देखा जाएगा. जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. अगर सोमवार को चांद दिखता है तो रात इशा की नमाज के बाद से ही तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी और मंगलवार 12 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा. अगर 11 मार्च को चांद नहीं दिखता है तो तरावीह की नमाज मंगलवार से शुरू होगी और पहला रोजा बुधवार 13 मार्च को रखा जाएगा.
सोमवार को चांद देखने का इंतजाम मुस्लिम समाज की तरफ से किया गया है. चांद की तस्दीक होने के बाद ही उलमा किराम माह-ए-रमजान के बारे में ऐलान करेंगे. इसके अलावा अगर किसी को कहीं भी चांद देखने को मिलता है तो वह मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी 9956971232, नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी 9598348521, मुफ्ती मेराज अहमद कादरी 73880 95737 के नंबरों पर सूचना दे सकते हैं. आखिरी ऐलान उलमा-ए-अहले सुन्नत चांद की तस्दीक के बाद ही करेंगे. इसके साथ ही सभी मस्जिदों और मदरसों में रमजान की विशेष नमाज तरावीह के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं.
माह-ए-रमजान पर बाजारों में बढ़ी रौनक
12 या 13 मार्च से शुरू होने वाले माह-ए-रमजान के स्वागत के लिए रोजेदार तैयार हैं. तैयारियां जोरशोर से की जा रही है. मस्जिदों में भी रौनक बढ़ गई है. साफ-सफाई हो रही है. घरों में भी साफ-सफाई की जा रही है. महिलाएं भी इबादत के लिए तैयारियों में व्यस्त हैं.गाजी रौजा, रहमत नगर, नखास, तुर्कमानपुर, पुराना गोरखपुर, जमुनहिया बाग अहमदनगर चक्शा हुसैन, रसूलपुर, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, रेती चौक, बक्शीपुर, निजामपुर, इलाहीबाग, घंटाघर, तिवारीपुर, पिपरापुर में सहरी और इफ्तार की विशेष दुकानें लगेंगी, जिसकी तैयारी शुरु हो गई है.
इसके अलावा साहिबगंज से भी इफ्तार और सहरी के सामान खरीदा जा रहा हैं. नखास और घंटाघर पर खजूरों और सेवइयों की दुकानें सज गई हैं. आसपास के इलाकों के लोग भी खरीदारी करने के लिए शहर की तरफ आ रहे हैं. रमजान की आमद से बाजार में रौनक नजर आने लगी है. खासकर उर्दू बाजार, शाह मारूफ, घंटाघर, गोलघर, रेती, गीता प्रेस, जाफरा बाजार, गोरखनाथ, नखास में फिजा देखते ही बन रही है.
तरावीह की नमाज में यहां इतने दिनों में मुकम्मल होगा एक कुरान-ए-पाक
1. मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार: सात दिन
2. दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, मस्जिद जलील शाह खूनीपुर जब्हखाना, बिलाल मस्जिद खूनीपुर, दरोगा साहब मस्जिद अफगानहाता घंटाघर: दस दिन.
3. नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, नूरानी मस्जिद तरंग क्रासिंग हुमायूंपुर उत्तरी, मदीना जामा मस्जिद रेती चौक, मुसम्मात नसीबन बीबी मस्जिद (कादरिया मस्जिद) कोतवाली रोड, बिलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर, मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर, मस्जिद मियां साहब जुबली फार्म सैनिक विहार नंदानगर, मस्जिद जोहरा मौलवी चौक, मुस्तफाई मस्जिद साहिबगंज: 15 दिन
4. जामा मस्जिद रसूलपुर, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर: 16 दिन
5. अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद हुमायूंपुर उत्तरी: 17 दिन
6. सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, मस्जिद जामे नूर जफर कालोनी बहरामपुर, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, फैजाने इश्के रसूल मस्जिद शहीद अब्दुल्ला नगर, फिरदौस जामा मस्जिद जमुनहिया बाग: 21 दिन
पहला रोजा होगा सबसे छोटा तो ये रोजा होगा सबसे बड़ा
माह-ए-रमजान का पहला रोजा करीब 13 घंटा 18 मिनट का होगा. जो माह-ए-रमजान का सबसे छोटा रोजा होगा. वहीं माह-ए-रमजान का अंतिम रोजा सबसे बड़ा होगा. जो करीब 14 घंटा 07 मिनट का होगा. मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने बताया कि मुकद्दस रमजान का पहला अशरा रहमत, दूसरा मगफिरत, तीसरा जहन्नुम से आजादी का है. रमजान रहमत, खैर और बरकत का महीना है. इसमें रहमत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं. जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं. शैतान जंजीर में जकड़ दिए जाते हैं. नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब सत्तर फर्जों के बराबर मिलता है.
रमजान में इन अजीम हस्तियों को किया जाएगा याद
माह-ए-रमजान बहुत अजमत और बरकत वाला महीना है. पहली रमजान को हजरत सैयदना शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी की यौमे विलादत है. 3 रमजान को हजरत सैयदा फातिमा जहरा रजिअल्लाहू अन्हु , हजरत मुफ्ती अहमद यार खां नईमी, 7 रमजान को हजरत सैयदना अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद रदियल्लाहु अन्हु, 10 रमजान को उम्मुल मोमिनीन हजरत सैयदा खदीजा तुल कुबरा रजिअल्लाहू अन्हु , 13 रमजान को हजरत शैख अबुल हसन सिर्री सकती, 14 रमजान को उम्मुल मोमिनीन हजरत सैयदा सफिया रजिअल्लाहु अन्हा का उर्स है.
15 रमजान को हजरत सैयदना इमाम हसन रजिअल्लाहु अन्हु की यौमे विलादत है. 17 रमजान को उम्मुल मोमिनीन हजरत सैयदा आयशा सिद्दीका रदियल्लाहु अन्हा, हजरत सैयदा रुकैया रजिअल्लाहु अन्हा और हजरत ख्वाजा सैयद नसीरुद्दीन महमूद चराग-ए-देहली का उर्स और यौमे शोह-दाए-बद्र है.
18 रमजान को हजरत मौलाना रेहान रजा खां का उर्स है. 20 रमजान को फतह-ए-मक्का की तारीख है. 21 रमजान को मुसलमानों के चौथे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना अली रजिअल्लाहु अन्हु, 22 रमजान को हजरत इमाम अबू अब्दुल्लाह बिन यजीद बिन माजह (सुन्न इब्ने माजह), हजरत मौलाना हसन रजा खां, हजरत मौलाना सैयद किफायत अली काफी मुरादाबादी, 27 रमजान को हजरत शैख बहाउद्दीन सलीम चिश्ती और 29 रमजान को हजरत सैयदना अम्र बिन आस रजिअल्लाहु अन्हु का उर्स है.
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