Ram Navami 2024 No Meat in Bengaluru firecrackers ban during procession in Hyderabad Know Ayodhya Ram Mandir arrangements details
Ram Navami 2024: रामनवमी पर इस बार कर्नाटक के बेंगलुरू में मांस की बिक्री नहीं होगी. बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने वहां बुधवार (17 अप्रैल, 2024) को मीट बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक की ओर से बताया गया कि इस दौरान शहर में मीट की सेल पर संपूर्ण बैन रहेगा.
इस बीच, हैदराबाद में 17 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी. पुलिस आयुक्त कोथाकोटा श्रीनिवास रेड्डी ने मुख्य जुलूस के मार्ग के निरीक्षण के अलावा आयोजकों और अन्य विभागों के साथ समन्वय बैठक भी की. सीतारामबाग मंदिर से हनुमान व्यायामशाला तक मुख्य जुलूस के अलावा शहर में कई जुलूस निकाले जाएंगे, जिनकी निगरानी की जरूरत है. हालांकि, कुछ अंतर-कमिश्नरी जुलूस भी होंगे. कमिश्नर ने सभी सीसीटीवी कैमरे चालू रखने और सोशल मीडिया, आदतन अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. यह भी बताया गया कि उस दौरान पटाखे फोड़ना, राहगीरों पर सिन्दूर या गुलाल फेंकना और लाठी/तलवार/पिस्तौल आदि ले जाना सख्त मना है.
अयोध्या सुबह साढ़े तीन बजे से लगेगी लाइन, सारे पास पहले ही रद्द
यूपी के अयोध्या में रामनवमी पर भक्त परेशानी न हों, इसके लिए ट्रस्ट सुबह 3.30 बजे से ही श्रद्धालुओं के लाइन में लगाने का इंतजाम करेगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि दर्शन मार्ग पर यात्री सुविधा केंद्र और रेल आरक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3.30 बजे से श्रद्धालुओं के लाइन में लगने का इंतजाम किया जा रहा है. सभी प्रकार के विशिष्ट पास, दर्शन-आरती आदि की बुकिंग को पहले ही रद्द किया जा चुका है. सभी को एक ही मार्ग से जाना होगा. दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है, जो मंगला आरती से रात 11 बजे तक चलेगा.
भव्य राम मंदिर में सूर्य की किरण से किया जाएगा रामलला का तिलक
रामनवमी पर वैज्ञानिक दर्पण से सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाएंगे. सूर्य की किरण इस दौरान लगभग चार मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएगी. श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है. त्रेता युग में जब राम ने अवतार लिया था तब सूर्य एक महीने तक अयोध्या में रुके थे. त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है.
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