Ram Mandir Pran Pratishtha Kashi Vidvat Parishad Eight Scholars Go To Ayodhya For Religious Rituals ANN
UP News: 15 जनवरी के बाद से ही अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन से जुड़े धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. आने वाले 9 जनवरी को काशी विद्वत परिषद के आठ विद्वानों का समूह अयोध्या पहुंचेगा. इस दौरान काशी विद्वत परिषद द्वारा भगवान काशी विश्वनाथ को चढ़ाया 21 बेलपत्र और मां अन्नपूर्णा को चढ़ाया गया कुमकुम व चुनरी भी अयोध्या ले जाया जाएगा, जो भगवान राम और माता जानकी को समर्पित होगा. इससे पहले भी राम मंदिर आधारशिला रखे जाने समय काशी विद्वत परिषद के तीन विद्वानों का समूह अयोध्या पहुंचा था.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि लंबे वर्षों की प्रतीक्षा के बाद संपूर्ण विश्व के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है. यह हम सभी सनातनियों के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है और इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखते समय भी काशी विद्वत परिषद के तीन विद्वानों का समूह कार्यक्रम में शामिल हुआ था और 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भी परिषद के 8 विद्वानों का समूह 9 जनवरी को काशी से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगा.
भगवान राम और भगवान शंकर दोनों एक दूसरे के आराध्य
प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने बातचीत में बताया कि शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान राम ने भगवान शंकर को अपना आराध्य माना था तो वही भगवान शंकर ने भी प्रभु श्री राम को अपना आराध्या ही स्वीकार किया था. काशी भगवान शंकर की नगरी है और अयोध्या प्रभु श्री राम की और यह प्रसंग भी काशी और अयोध्या में एक अटूट रिश्ता स्थापित करता है. इसी परंपरा को आगे बढाते हुए काशी विद्वत परिषद 9 जनवरी को भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में राम नाम अंकित 21 बेलपत्र और माता अन्नपूर्णा को कुमकुम व चुनरी चढ़ाकर काशी विश्वनाथ जी का प्रतिनिधित्व के तौर पर अयोध्या पहुंचेगा. अयोध्या पहुंचकर 21 बेलपत्र भगवान राम को और कुमकुम व चुनरी माता जानकी को समर्पित करेगा.