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Ram Mandir Ayodhya Jalabhishek Of Ramlala Will Be Done In Ayodhya With The Water Of Holy Water Sources


Ayodhya Ram Mandir News: रामनगरी अयोध्या में राममंदिर का निर्माण काफी तेज गति से चल रहा है. मंदिर में-प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने की तैयारी भी जोरशोर से हो रही है. प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर को इतिहास के पन्ने में दर्ज कराने के लिए प्रभु राम की मूर्ति का जलाभिषेक देश के प्रमुख व पवित्र जलस्रोतों से एकत्र जल से किया जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद की मानें तो रामलला की मूर्ति का शास्त्रीय विधान से जलाभिषेक करवाने की पूरी तैयारी है. विश्व हिंदू परिषद के अंतर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि कुएं, तलाब, झील, नदी और जितने भी पुण्य स्थल हैं, वहां का जल एकत्रित किया जाएगा और उससे जलाभिषेक किया जाएगा. गंगा, यमुना, गोदावरी, सतलुज, राप्ती, नर्मदा, सोन समेत प्रमुख सभी नदियों का पवित्र जल होगा. इसके अलावा बद्रीधाम स्थित नारद कुंड, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के सरोवर से जल भी होगा.

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इसी तरह बिहार के गया स्थित पवित्र नदी फल्गु, हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित सूर्य सरोवर, राजस्थान के पुष्कर सरोवर तथा दिल्ली स्थित गुरुद्वारा सीसगंज साहिब स्थित कुआं, जिसमें गुरु तेगबहादुर ने स्नान किया था, वहां के जल को भी अयोध्या भेजा जाएगा.

शासन-प्रशासन ने तैयारी शुरू की
उन्होंने बताया, रायपुर में विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में तय हुआ कि देशभर के जलस्त्रोतों से इकट्ठा किए गए जल से प्रभु राम का जलाभिषेक किया जाए. इसकी शुरुआत मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के 10 दिन पहले से चलेगी. औसतन 200-200 ग्राम जल तांबे के बर्तन में धार्मिक अनुष्ठान के बाद रखा जाएगा. फिर इसे कूरियर से अयोध्या भेजने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसे अयोध्या में एक टैंक में इकट्ठा किया जाएगा.

धर्म-कर्म के जानकार प्रसिद्ध शास्त्री सरोजकांत मिश्रा कहते हैं कि अभिषेक का मतलब होता है सिंचन करना. पुराने काल में जब किसी को राजा बनाया जाता था तो उसके सिर पर अभिमंत्रित जल की वर्षा की जाती थी. इसके लिए पवित्र नदियों के जल को एकत्रित किया जाता था. उसके बाद राजा को नहलाया जाता था.

राम मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर शासन-प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने अयोध्या में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में होटल, रेस्तरां, डॉरमेट्री और धर्मशाला खुलवाने के निर्देश दिए हैं.



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