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Punjab News: पंजाब में पिछले करीब एक साल से शंभू-खनौरी बॉर्डर पर जमे किसानों के तंबू उखाड़ने पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नाराजगी जाहिर की है. एबीपी न्यूज के खास शो ‘सीधा सवाल’ में जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी, सरकारें आपस में मिल जाती हैं क्या? जहां किसानों की बात आए, क्या उसे रोकने के लिए अवरोधक बनने का काम करने लगती हैं? क्या ये सत्ता का चरित्र है? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, ”सरकारें आपस में मिल जाती हैं और तेरह-तेरह महीना या एक-एक साल आंदोलन भी नहीं चलते हैं. 

किसान संगठन टूट रहे- राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने आगे कहा, ”क्या सरकारें किसानों को झुकाना चाहती हैं. क्या भारत सरकार बातचीत भी करना नहीं चाहती है. क्या ये कोई शादी का मुहूर्त है कि डेढ़ महीने बाद बातचीत करेंगे.” उन्होंने ये भी कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि किसान संगठन टूट रहे हैं और नए संगठन बन रहे हैं, उससे भी बहुत नुकसान हो रहा है. अभी किसानों के और भी नए संगठन बनेंगे. 

किसानों के नुकसान की बात कोई नहीं करेगा- राकेश टिकैत

जब उनसे पूछा गया कि किसानों के नुकसान की बात कोई क्यों नहीं कर रहा? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ”किसानों के नुकसान की बात कोई नहीं करेगा क्योंकि सरकारें और विपक्ष सब एक ही हैं. सबसे ज्यादा नुकसान तो बिहार में हो रहा है. मंडी या जिसे बाजार समिति बोलते हैं, वो 2006 से बंद है. बिहार के लोग लेबर बन गए. किसान मजदूर बनेगा और फिर उनकी जमीनें कंपनियों को जाएगी.” उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा दे रही है. किसानों की गांव की जमीन छीनना चाहती है. 

किसान संगठन बंटे हुए हैं- राकेश टिकैत

क्या आपस में किसान संगठन बंटे हुए हैं? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, ”किसान संगठन बंटे हुए हैं, बहुत नए किसान संगठन बन गए हैं. सरकार उनको प्रोत्साहन दे रही है. हर जिले के अधिकारी संगठन को तोड़ने में लगे हुए हैं. ये एक नई पॉलिसी है.” 

किसान पूरी तरह से भ्रमित हो रहा- राकेश टिकैत

जब उनसे पूछा गया कि आपके संगठन का भी एक राजनैतिक विंग बन गया. इस पर उन्होंने कहा, ”अब जो भी चाह रहा है वो अपना अलग संगठन बना रहा है. किसान पूरी तरह से भ्रमित हो रहा है. दूसरा इसमें खाप पंचायत की बड़ी सपोर्ट रहती थी, अब सरकारी खाप पंचायतें बन रही हैं. खाप पंचायतों को भी तोड़ा जा रहा है.





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