Sports

Rajiv Jain Of GQG Interview On BQ Prime NDTV Over Adani Group Hindenburg And Investment



इस पूरे मामले पर GQG पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर राजीव जैन ने BQ Prime से खास बातचीत की है. आइए जान लेते हैं कि उनका इस निवेश और अदाणी ग्रुप पर क्या कहना है.

‘सुप्रीम कोर्ट कमिटी की क्लीनचिट से पहले बढ़ाई हिस्सेदारी’

अदाणी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट कमिटी से मिली क्लीनचिट पर राजीव जैन ने कहा है कि उन्हें इससे कोई हैरानी नहीं हुई. बहुत सी ऐसी चीजें जिनकी जांच की जा रही थी, उनकी जांच पहले भी हो चुकी थी. जैन ने कहा कि ये आर्थिक मुद्दे से ज्यादा राजनीतिक खेल बन गया. उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप में हिस्सेदारी सुप्रीम कोर्ट के क्लीनचिट देने से पहले बढ़ाई गई है. उन्होंने पिछले दो से तीन महीने के दौरान ये हिस्सेदारी बढ़ाई है.

जैन ने कहा कि उन्होंने ऐसे एंटरप्रेन्योर का साथ दिया है, जिन्होंने प्रोजेक्ट्स को लागू करने में बेहतरीन काम किया है. उनका कहना है कि भारत में जटिल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारना बेहद मुश्किल होता है. इसमें पिछले कुछ सालों में असफलता देखी गई है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में बेतुकी बातें: राजीव जैन

जैन के मुताबिक, अदाणी ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में इंफ्रा के मोर्चे पर बेहतरीन काम किया है. उन्होंने पिछले कुछ सालों में मैनेजमेंट टीम से भी मुलाकात की है और वे उससे इम्प्रेस हुए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को भी इन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को शुरू करने के लिए अदाणी पर भरोसा है, जो ऐसे किसी को ही मिल सकता है कि जो सही से इस पर काम करे.

राजीव जैन ने खास इंटरव्यू में हिंडनबर्ग की जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट में से कुछ चीजें बिल्कुल बेतुकी लगती हैं. इसे लेकर बहुत अंदेशा था कि निवेशक कैसे रिएक्ट करेंगे. हमारी पहली तिमाही हमारे लिए इतिहास में सबसे बेहतरीन में से एक रही है. और इसके साथ इनफ्लो के मामले में ये तीसरी सबसे बेहतरीन तिमाही रही है.

इस पर बोलते हुए कि एक निवेशक की नजर से भारत के बारे में उनकी क्या राय है, जैन ने कहा कि भारत में कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जिनकी वैल्युएशन बहुत कम है. लेकिन ऐसे बिजनेस जिनकी ग्रोथ अच्छी है, उनकी वैल्युएशन ज्यादा होती है. उन्होंने बताया कि जैसे इंफोसिस ऐसी ही है. भारत में ग्रोथ स्टोरी मजबूती से आगे बढ़ी है. उन्होंने कहा कि भारत को अब भी कम प्रोत्साहित किया जाता है.

‘आने वाले दिनों में और बढ़ा सकते हैं हिस्सेदारी’

राजीव जैन ने आगे कहा, ‘मौजूदा सरकार ने कार्यान्वयन के मोर्चे पर बेहतरीन काम किया है. भारत में बैंकिंग सेक्टर अब साफ है, क्रेडिट साइकिल भी काफी मजबूत है. रियल एस्टेट भी मजबूत स्थिति है. इन सभी चीजों से ग्रोथ में तेजी आई है.’

आने वाले दिनों में हिस्सेदारी बढ़ाने के सवाल पर जैन ने कहा कि ये बढ़ने की उम्मीद है. पूरी दुनिया की मौजूदा स्थिति पर उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि युद्ध की वजह से बड़े बदलाव आ रहा है.

जैन ने आगे कहा कि पूर्व और पश्चिम के बीच साफ तौर पर फर्क दिखाई दे रहा है. इसमें कुछ जीतेंगे और हारेंगे. यूरोप हारेगा और अमेरिका जीतेगा. भारत भी जीतने वालों में शामिल होगा. ऊर्जा की कीमतों की वजह से कंपनियां यूरोप से बाहर जा रही हैं. यूरोप संकट में है. प्रति व्यक्ति आय भी यूरोप में पिछले 17-18 सालों से घट रही है.

IT कंपनियों में शॉर्ट टर्म हेडविंड: राजीव जैन

जैन ने आगे बताया कि डेट टू GDP रेश्यो में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. भारत की मौजूदा सरकार का कई चीजों को डीरेगुलेट करना हमें पसंद आया है. उनका कहना है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस काफी अहम है. एक्सपोर्ट या घरेलू बाजार पर फोकस की बजाय कामयाबी, कंपनी के बिजनेस पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि भारतीय IT कंपनियों ने बीते कुछ साल में बेहतरीन काम किया है. IT सर्विसेज कंपनियों में शॉर्ट टर्म हेडविंड का रिस्क है.

जैन ने आगे बताया कि हमें हर कंपनी में निवेश की जरूरत नहीं है. ESG को लेकर GQG पार्टनर्स के नजरिए पर राजीव जैन का कहना है कि फॉसिल फ्यूल को नकारना भी पूरी तरह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें अच्छी गवर्नेंस वाली, लंबा नजरिया रखने वाली कंपनियां पसंद हैं. एनर्जी चेन काफी आकर्षक है, हमारा इस क्षेत्र में अब अच्छा निवेश है.

भारत में कहां है निवेश?

जैन ने बताया कि इंफ्रा के अलावा उन्हें कुछ और कारोबार भी पसंद है. उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर बैंक पसंद हैं. HDFC में सबसे पहला निवेश 1998 में किया है.

जैन ने कहा कि फाइनेंशियल सेक्टर में बेहतरीन मैनेजमेंट टीम्स मौजूद हैं. हेल्थकेयर सेक्टर में भी कुछ निवेश है. जैन का कहना है कि शॉर्ट टर्म हेडविंड की वजह से IT में निवेश नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें IT सर्विसेज की बजाय अदाणी में निवेश बेहतर लगा है. ग्रुप के शेयरों में उम्मीद से जल्दी तेजी आई है. जैन ने बताया कि बीते 10 साल में कुछ बिजनेसेज की री-रेटिंग हुई है. उन्होंने कहा कि देखना होगा, ये बिजनेस वैल्यूएशन को जस्टिफाई कर पाते हैं या नहीं.

‘कुछ बैंकों के लिए भारत का एक्सेस हो सकता है बंद’

GQG पार्टनर्स के जैन ने बताया कि मार्केट्स साइकिल के मुताबिक चलते हैं. उन्होंने कहा कि समय के साथ कंपनियों को लेकर सेंटिमेंट बदलता रहता है. जैन ने आगे बताया है कि शॉर्ट सेलर्स के कदमों का असली असर बिजनेस पर पड़ता है. जांच के बाद कुछ बैंकों और अन्य पक्षों का भारत का एक्सेस बंद हो सकता है. जैन ने आगे कहा कि शॉर्ट सेलिंग ने हमारे लिए तो अवसर पैदा किए.

 

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *