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Rajasthan Politics: राजस्थान के विधान सभा चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत भले मिली है लेकिन कुछ क्षेत्रों में चुनौती भी रही है. उन क्षेत्रों में कांग्रेस मेहनत कर रही है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को केंद्र की भाजपा सरकार ने भारत रत्न दे दिया है. जिसे राजस्थान में भाजपा किसान और जाट वोटर्स तक सन्देश देने में जुटी हुई है. इसके साथ ही भाजपा आक्रामक तरीके से कांग्रेस पर हमला बोल रही है. खुद भाजपा अध्यक्ष ने इसकी कमान संभाल ली है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का देश पर बहुत बड़ा ऋण है. उन्होंने देश को बर्बाद होने से बचाया था. इसके साथ ही डॉ. एमएस स्वामीनाथन के लिए कहा कि उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्म निर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कांग्रेस पर बड़ा प्रहार
सीपी जोशी ने कहा कि 1957 में जब नेहरू सोवियत संघ की यात्रा से अभिभूत होकर लौटे थे तो वहां कॉमरेड ने जो पाठ पढ़ाया था उससे प्रेरित होकर उन्होंने कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में सामूहिक खेती का प्रस्ताव रखा. जिसका चौधरी चरण सिंह ने पुरजोर विरोध किया और उनके द्वारा प्रस्तावित संशोधन बहुमत से पारित हो गया. इससे नेहरू गुस्सा हो गए और अपने अपमान का बदला लेने के लिए चौधरी चरण सिंह का उत्तर प्रदेश सरकार में विभाग बदल दिया. चौधरी चरण सिंह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए उठाने वाले लोगों में से एक थे. उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री के तौर पर उन्होंने राज्य में भूमि सुधारों को लागू करने का एक ईमानदार प्रयास किया था. चौधरी चरण सिंह गैर कांग्रेसवाद के प्रमुख प्रवर्तकों में से थे.
स्वामीनाथन की सुना रहे कहानी
सीपी जोशी ने कहा कि डॉ. एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्म निर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. नेहरू ने तो कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दूसरी पंचवर्षीय योजना में बजट आवंटन में भारी कटौती कर दी थी लेकिन यह भी कहा जाता है कि उन्होंने 1962 में संसद में अपनी भूल भी स्वीकार की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और भारत अनाज के आयात पर निर्भर हो चुका था. देश के विभिन्न भागों में सूखे का कहर व्याप्त रहता था और नेता गण जनता को दिन भर में एक ही बार भोजन करने की सलाह देने लगे थे.
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