Rajasthan Monkeys Attacked In Kota Colony Ward Councillor Complaint Collector Ann | Rajasthan News: बंदरों के हमले से लोग परेशान, वार्ड पार्षद ने कलेक्टर से कहा
कोटा की एक पॉश कॉलोनी के बाशिंदे बंदरों से इतना परेशान हो चुके हैं कि अब यहां से पलायन तक करने का विचार बना चुके हैं और कुछ कर भी रहे हैं. कोटा के तलवंडी इलाके में लोग बंदरों से परेशान हो चुके हैं, एक युवक की तो जान पर बन आई है. आए दिन की समस्या से परेशान लोगों ने अब जिला कलक्टर से मदद की गुहार लगाई है.
तलवंडी सेक्टर ए जो की कोटा की एक पॉश कॉलोनी है जिसमे यहां के निवासियों को करीब 1 वर्ष से बंदरों, सुअरों एवं कुत्तों के आतंक से पूरी तरह से भयावह स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. यह क्षेत्र जहां शहर के ज्यादातर प्रतिष्ठित व्यापारी उद्यमी निवास करते हैं, जो अब हताश परेशान हो चुके हैं.
बंदर कर रहे जानलेवा हमला
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर ओम प्रकाश बुनकर से मिलकर तलवंडी सेक्टर ए में पिछले 1 साल से बंदरों द्वारा मचाई जा रहे उत्पात से अवगत कराया.
उन्होंने बताया कि बन्दरों का उत्पात का आलम इतना गंभीर है कि पिछले एक माह में इस क्षेत्र में बंदरों द्वारा क्षेत्र के पुरुष महिलाओं बच्चों पर जानलेवा हमला किया गया. एक महिला पर बंदर झपटा तो उसका पैर टूट गया. कुछ दिन पूर्व ही बंदरों ने एक बच्चे पर इस कदर हमला किया कि जिसकी वजह उसके सिर में गहरी चोट आई और वह अभी जयपुर के अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है और जीवन से संघर्ष कर रहा है.
स्कूल जाते हुए बच्चों पर भी बंदर कर रहे हमला
अशोक माहेश्वरी ने बताया कि बंदरों के आतंक से इस क्षेत्र के निवासियों पर जान का खतरा सदैव बना रहता है. पास स्थित निजी इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं, जिसमें हजारों बच्चे पढ़ने आते हैं, दो दिन पूर्व बंदरों द्वारा तीन-चार बच्चे जो स्कूल जा रहे थे उनके कंधों पर बैठकर उन बच्चों को गिराकर हमला किया गया.
10 बार लिखत में दे चुके निगम को शिकायत
वार्ड पार्षद सुरेंद्र कलवार ने जिला कलेक्टर को बताया कि मेरे द्वारा निगम प्रशासन में 10 से ज्यादा लिखित में इस क्षेत्र में बंदरों सुअरों एवं कुत्तों के आतंक की शिकायत की गई साथ ही निगम अधिकारियों से भी इसके बारे में कई बार मिल चुका हूं, लेकिन किसी भी प्रकार की अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. निवारण नहीं होने के कारण मुझे यहां के निवासियों का कोपभाजन बनना पड़ रहा है.
काम करने वाई बाई भी नहीं आ रही
बंदरों के आतंक का आलम यह है कि इस क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं पर भी हमला कर देते हैं जिससे काम करने वाली महिलाएं भी इस क्षेत्र में आने से कतराने लगी है साथ ही गार्डन में सैर करने वाले, खेलने वाले बच्चे महिलाएं पुरुषों पर भी बन्दरों द्वारा हमला किया गया है जिसके डर से सुबह सैर करने वाले सभी वर्ग पूरी तरह से डरे हुए हैं. बन्दरों का आंतक यह है कि बंदर घरो में घुसकर खाने का सामान उठाकर खा जाते हैं साथ ही छत पर जाकर पानी की टंकियां में कूद जाते हैं.
बंदर के हमले से बच्चे की स्थिति नाजुक, पांच लाख का हो चुका खर्च
प्रतिनिधि मंडल में मौजूद बंदरों के आतंक के हमले से जयपुर के हॉस्पिटल के आई सी यू में भर्ती सिद्धार्थ जैन की माता संगीता जैन ने बताया कि बंदरों ने मेरे बेटे पर हमला कर इतना जोर से गिराया की उसके सिर में अंदरूनी इतनी गहरी चोट आई है जिसके सिर का आॅपरेशन तक करना पड़ा और वह अभी भी जयपुर के हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती है. जिस पर करीब 5 लाख रुपए का खर्चा भी हो चुका है और अभी तक उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है.