Rajasthan Minister Jawahar Singh Bedham Reached Jatere Dham Develop Tourist Destination ann | Rajasthan: गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म पहुंचे जटेरी धाम, कहा
Jawahar Singh Bedham News: राजस्थान के डीग जिले में स्थित घने पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित जटेरी धाम के दर्शन करने के लिए गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम एवं जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज पहुंचे. गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम और डीग जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज ने जटेरी धाम के प्राचीन मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की वही धाम के महंत विपिन बिहारी दास जी महाराज ने मंत्री और जिला कलेक्टर को विधिवत तरीके से पूजा अर्चना कराई.
गृह राज्य मंत्री के दर्शन के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन महेश शर्मा मौजूद थे. मंत्री बेढम ने जटेरी धाम को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए है जटेरी धाम के राधा हसन बिहारी मंदिर यह ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा मार्ग का पड़ाव स्थल भी है. मथुरा, वृंदावन, दिल्ली, लखनऊ, पूंछरी सहित निकटतम क्षेत्रों से भी श्रद्धालु यहां आने के लिए आकर्षित हो इसके लिए सड़क मार्ग का निर्माण, प्रकृतिक संरक्षण आदि पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए.
क्या कहना है राज्य मंत्री का
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने बताया कि जटेरी धाम प्रमुख धामों में से एक है एवं इसके विकास होने से स्थानीय लोगों को भी जीवन यापन करने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे. इस दौरान निकटतम इलाकों में व्यापार, आमजन के लिए रोजगार और अन्य प्रकार के अवसर प्राप्त होंगे जिससे आमजन के जीवन जीने की गुणवत्ता में सुधार आएगा.
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है हमारी कोशिश रहेगी धार्मिक पर्यटन के हिसाब से और ग्रामीण विकास की जो अवधारणा है उसके अनुरूप समुचित विकास हो सके. मंत्री ने कहा की सभी संस्कृतियों में से भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व के लोगो ने सबसे प्राचीनतम एवं सर्वश्रेष्ठ माना है. साथ ही भारतीय संस्कृति में वेद, पुराणों, उपनिषदों, धार्मिक ग्रंथों के आधार पर व्यवस्था बनाई गई है एवं उनके अनुरूप ही हम अपने क्रिया कलाप सुनिश्चित कर संचालित करने का कार्य करते हैं.
‘देश विश्व गुरु बनने की और अग्रसर’
गृह राज्य मंत्री बेढ़म ने कहा कि भारतीय संस्कृति के बताए गए रास्तों पर चलते हुए आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है. इसके साथ ही आज केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा दी गई जनकल्याणकारी योजनाओं के अनुकूल वातावरण स्थापित हो पाया है जिससे सांस्कृतिक संरक्षण का सपना साकार होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भारतीय संस्कृति को कोरोना भी कहा लेकिन हम श्रवण कुमार के देश से आते है जो अपने अंधे मां बाप को अकेले चार धाम की यात्रा करवाने के लिया कंधे पर लेकर गए. इसी प्रकार युवा भी अपने बूढ़े मां बाप की सेवा करे और उन्हें वृद्धाश्रम में ना भेजें
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