Rajasthan Elections 2023: Factionalism In BJP Vasundhara Camp Distanced From Parivartan Yatra In Kota Ann
Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान के कोटा में परिवर्तन यात्रा ने जैसे ही प्रवेश किया वाद-विवाद शुरू हो गया. ये वाद विवाद इतना बढा की किसी ने थप्पड जड़ दिया तो किसी ने अपनी ही परिवर्तन यात्रा में अपने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की. कांग्रेस तो छोड़ों बीजेपी के लोग ही इस यात्रा में शामिल नहीं हुए और भीड़ भी नदारद रही. समापन समारोह में कुर्सियां खाली रही तो कुछ नेता भी मंच पर दिखाई नहीं दिए.
कोटा संभाग में बीजेपी की गुटबाजी चरम पर
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के दौरान गुटबाजी भी चरम पर नजर आई, वसुंधरा खेमे ने इस पूरी यात्रा से दूरी बनाकर रखी. पूर्व विधायक व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत के समर्थकों ने वर्तमान विधायक के खिलाफ नारेबाजी की तो, रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर के पुत्र पवन दिलावर ने एक कार्यकर्ता को थप्पड जड़ दिया. ये ही नहीं परिवर्तन यात्रा की सभा में खाली पड़ी कुर्सियों का वीडियों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर वायरल किया. इस परिवर्तन यात्रा से वसुंधरा राजे खेमा खासा नाराज नजर आया. पूर्व विधायक प्रहलाद गुजल अपनी सभा में हजारों लोग अपने दम पर ला सकते हैं लेकिन यहां उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई.
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा फ्लॉप शो- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता एवं खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने बीजेपी द्वारा प्रदेश में निकली जा रही परिवर्तन यात्रा को फ्लॉप शो व औचित्यहीन बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी, राजस्थान सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की सफलता एवं मुख्यमंत्री की बढती जनप्रियता से बौखलाकर इन परिवर्तन यात्राओं को आयोजित कर जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रही है.
बाहरी राज्यों से नेताओं को बुलाने पर भी भीड़ नहीं आ रही
पंकज मेहता ने आरोप लगाया कि बाहरी राज्यों से नेताओं को बुलाने पर भी सभाओं में भीड़ भी नदारद है. मेहता ने कहा कि बीजेपी के पास विरोध का कोई मुद्दा नहीं है. विपक्ष में रहकर बीजेपी कोई आन्दोलन नहीं कर पाई. राज्य में हुए सभी उपचुनावों में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. ये कांग्रेस की बढती लोकप्रियता का परिणाम है. मेहता ने कहा कि गुटों में बंटी बीजेपी विपक्ष की भूमिका का भी निर्वहन नहीं कर पाई है. बीजेपी को परिवर्तन यात्रा के पहले ये स्पष्ट करना चाहिए कि जनता में आक्रोश किसके प्रति है. जनता का असली आक्रोश तो केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार के प्रति है.