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Rajasthan: बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने की इन मुसलमानों की तारीफ, नागपुर हिंसा पर दिया बड़ा बयान



<p style="text-align: justify;"><strong>Rajasthan Politics:</strong> राजस्थान बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने नागपुर हिंसा मामले पर गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के एजेंट भारत में बैठकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. बीजेपी विधायक का आरोप है कि ये विदेशी एजेंट अपने साथियों के माध्यम से स्थानीय मुसलमानों को उकसाते हैं, जबकि स्थानीय मुसलमानों का उद्देश्य हमेशा शांति बनाए रखना है और वे नहीं चाहते कि देश में अमन-चैन बिगड़े.</p>
<p style="text-align: justify;">बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि उनके अनुभव के मुताबिक, देश में जहां भी धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं, जैसे शाहीन बाग और वक्फ बोर्ड के मामले, इन सभी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान और बांग्लादेश के एजेंटों का हाथ हो सकता है. ये एजेंट देश में बैठकर यहां के लोगों को उकसा रहे हैं और इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, "देश में जहां भी इस प्रकार के प्रदर्शन हो रहे हैं, वहां पाकिस्तान और बांग्लादेश के आतंकवाद से जूझते हुए देशों के एजेंटों का हाथ है. वे किसी न किसी रूप में भारत में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने यह भी दावा किया कि सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से यह पता चलता है कि प्रदर्शनकारी ज्यादातर लोकल नहीं होते.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>प्रदर्शनों के पीछे कोई सच्चा मुद्दा नहीं होता- बालमुकुंद आचार्य&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">विधायक का कहना था कि कई बार प्रदर्शन करने वाले लोग यह भी नहीं जानते कि वे क्यों बैठे हैं और कई जगह तो यह शर्मनाक है कि प्रदर्शन में शामिल करने के लिए लोगों को दिहाड़ी पर बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों के पीछे कोई सच्चा मुद्दा नहीं होता और यह केवल बाहरी ताकतों के इशारे पर किया जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;">बालमुकुंद आचार्य के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद पैदा कर दिया है. उनके आरोपों पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं और इसे संवेदनशील मुद्दों को उकसाने वाला मान रहे हैं. वहीं, आचार्य ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद देश में शांति और भाईचारे को बनाए रखना है और वे किसी भी प्रकार की हिंसा और अशांति का विरोध करते हैं.</p>



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