Rahul gandhi and Priyanka unhappy with Delhi Congress slow campaign gave instructions to change strategy ann
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस के प्रचार अभियान से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खुश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस को प्रचार में धार देने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली में कांग्रेस की अस्तित्व की लड़ाई की अगुवाई ख़ुद राहुल गांधी करते नजर आएंगे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी इस हफ़्ते दिल्ली में तीन सभाओं को संबोधित करेंगे.
पार्टी ने पहले करीब एक दर्जन विधानसभाओं में राहुल की पदयात्रा की रणनीति बनाई थी, लेकिन अब राहुल गांधी चुनिंदा पदयात्रा ही करेंगे और ज्यादा सभाओं को संबोधित करेंगे. अब तक बने कार्यक्रम के मुताबिक राहुल 22, 23, 24 और 27 जनवरी को चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. राहुल गांधी की रैलियों का फोकस दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर होगा. सीलमपुर में सभा कर चुके राहुल मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद और ओखला में भी रैली करेंगे. प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के चुनावी कार्यक्रम अब तक तय नहीं हुए हैं.
चुनाव प्रचार की रणनीति से संतुष्ट नहीं आलाकमान
इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान दिल्ली में पार्टी के चुनाव प्रचार की रणनीति से संतुष्ट नहीं है. राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस दिल्ली में आक्रामक प्रचार करे और गंभीरता से चुनाव लड़ती नजर आए. लेकिन दिल्ली में कांग्रेस का चुनाव प्रचार गति नहीं पकड़ पा रहा. रविवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ ऑनलाइन बैठक की.
प्रियंका ने नैरेटिव सेट करने का दिया सुझाव
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं से पार्टी नेतृत्व की नाखुशी साफ नजर आई. कहा गया कि ना तो रणनीति स्पष्ट है और ना ही प्रचार में दम नजर आ रहा है. प्रियंका गांधी ने नैरेटिव सेट करने का सुझाव दिया. उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि महिलाओं के लिए ढाई हजार रुपए हर महीने देने की योजना को लेकर कोई माहौल क्यों नहीं बन पाया. राहुल गांधी ने आम लोगों की समस्याओं और दलित–अल्पसंख्यकों की भागीदारी से जुड़े मुद्दों पर फोकस करने को कहा. साथ ही सचिन पायलट, इमरान प्रतापगढ़ी जैसे पार्टी के लोकप्रिय चेहरों को प्रचार में लगाने के निर्देश दिए.
दिल्ली में सियासी जमीन खिसकने के बाद भी कांग्रेस की गुटबाजी खत्म नहीं हुई है. रविवार की बैठक में टिकट बंटवारे और प्रचार की रणनीति को लेकर जेपी अग्रवाल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को लेकर खुल कर नाराजगी जाहिर की और सवाल उठाए. बीते दो विधानसभा चुनावों से कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई है. इस बार खोने कुछ नहीं लेकिन इज्जत तो दांव पर है ही. इसीलिए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के सामने अपने बड़े चेहरों को उतारा है. तीन सौ यूनिट बिजली फ्री और महिलाओं को ढाई हजार रुपए हर महीने देने का ऐलान भी किया. लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस आप और बीजेपी के सामने मुख्य लड़ाई में आने के लिए संघर्ष कर रही है. देखना होगा कि आखिरी के दो हफ्तों में कांग्रेस क्या अलग करती है.