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Questions Are Being Raised On The New Terminology Of Madhya Pradesh Police – इरादतन को साशय तो कब्‍जा को किया आधिपत्‍य,  MP पुलिस की नई शब्‍दावली पर उठ रहे सवाल 



नई दिल्‍ली :

थाने में दर्ज एफआईआर हो या कचहरी के फैसले या कोर्ट में होने वाली जिरह, उनमें इस्‍तेमाल शब्‍दों को समझना सबके लिए आसान नहीं है. कई शब्‍द ऐसे हैं, जिन्‍हें पुलिस वाले और वकील भी नहीं समझ पाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीने पहले कहा था कि आम लोगों को भी कानून अपना लगना चाहिए. इस दिशा में पहला कदम है कानूनी भाषा. ऐसे में एक पहल मध्‍य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) ने की है. मध्‍य प्रदेश पुलिस ने 600 से ज्‍यादा शब्‍दों की एक लिस्‍ट बनाई है, जिन्‍हें बदला गया है. हालांकि मुश्किल ये है कि कुछ शब्‍दों को तो ठीक बदला गया है, लेकिन कुछ पर सवाल उठ रहे हैं. जैसे कुछ आसान उर्दू शब्‍दों की जगह मुश्किल हिंदी शब्‍दों को स्‍थान दिया गया है. वहीं कुछ मुश्किल हिंदी शब्‍दों की जगह दूसरे मुश्किल हिंदी के शब्‍द रखे गए हैं. यही कारण है कि मध्‍य प्रदेश पुलिस की नई कवायद पर नए सवाल खड़े हो रहे हैं. 

उदाहरण के लिए बयान सब समझते हैं लेकिन पुलिस की शब्‍दावली में इसे कथन कर दिया गया है. वहीं इरादतन को साशय कर दिया गया है तो कब्‍जा को आधिपत्य कर दिया गया है. साथ ही गिरफ्तार और हिरासत दोनों शब्‍दों के लिए अभिरक्षा शब्‍द का ही इस्‍तेमाल किया जाएगा. 

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