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Delhi Election 2025 Rate List: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी सभा और चुनाव प्रचार पर कितना पैसा खर्च कर सकता है इसको लेकर चुनाव आयोग ने बकायदा एक रेट लिस्ट भी जारी कर दी है. पिछले विधानसभा चुनावों तक जहां एक उम्मीदवार अधितकम 28 लाख रूपये तक ही खर्च कर सकता था, तो इस विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
चुनाव आयोग ने इसके साथ ही यह भी बता दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल होने वाली तमाम चीजों की अधितकम कीमत कितनी होनी चाहिए. चुनाव आयोग की तरफ से इसको लेकर एक रेट लिस्ट भी जारी कर दी गई है. जिसमें चाय, कॉफी, समोसे, सैंडविच के साथ ही बैंड, बाजा, हाथी, घोड़े, गाड़ी समेत चुनाव प्रचार में शामिल होने वाली तमाम चीजों की अधितकम कीमत तय की गई है.
चुनाव आयोग की रेट लिस्ट-
– एक भोजन थाली लंच या डिनर 70 रुपये से ज्यादा का नहीं होनी चाहिए.
– एक चाय के लिए 6 रुपये और एक कॉफी के लिए 12 रुपये प्रति कप कीमत तय हुई है.
– एक सैंडविच के लिए अधिकतम 20 रुपये और एक कचौड़ी के लिए 15 रुपये तक खर्च किए जा सकते हैं.
– पानी की एक लीटर वाली बोतल 19 रुपये तक में खरीदी जा सकती है.
– वहीं एक समोसा या ब्रेड पकोड़ा के लिए 12 रुपये दिए जा सकते है.
– छोले-कुलचे और पूड़ी-सब्जी के लिए 35 रुपये प्रति प्लेट तय हुआ है.
गाड़ियों के दाम तय
चुनाव आयोग ने इसके साथ ही वाहनों की रेट लिस्ट भी तय की है. उदाहरण के तौर पर
– टाटा सूमो, इनोवा या स्कॉर्पियो जैसी बड़ी गाड़ियों के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 2,421 रुपये का किराया दिया जा सकता है.
– तो छोटी गाड़ियों के लिए यह 1,499 रुपये तय किया गया है.
– अगर दो पहिया वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है तो दो-पहिया वाहनों के किराए पर प्रतिदिन 84 रुपये तक खर्च हो सकता है.
टेंट, कुर्सी टेबल के दाम तय
वहीं जनसभा और उसमें कितने लोग आ रहे हैं इसको ध्यान में रखते हुए भी चुनाव आयोग ने बाकायदा रेट लिस्ट जारी की है. इसमें टेंट, कुर्सियां, टेबल, मंच और जेनरेटरों पर होने वाले अधिकतम खर्च की सीमा भी तय की गई है.
– 250 लोगों से कम की उपस्थिति वाली छोटी सभा है तो इसपर स्टेज समेत बाकी तैयारी के लिए खर्च की सीमा 6,150 रुपये तय की गई है.
– वहीं अगर जनसभा 2,000 लोगों तक की है तो स्टेज समेत बाकी तैयारी के लिए अधिकतम खर्च सीमा 30,000 रुपये तय हुई है.
चुनाव प्रचार के लिए अगर कोई उम्मीदवार घोड़े हाथी का इस्तेमाल करता है तो उसके लिए भी चुनाव आयोग ने रेट तय कर दिए हैं.
– एक घोड़े के लिए अधिकतम 3,075 रुपये और एक हाथी के लिए अधिकतम 6,150 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसा खर्च किया जा सकता है.
लेबर के इस्तेमाल के लिए भी चुनाव आयोग के दिशा निर्देश साफ है. अगर चुनाव प्रचार या उसकी तैयारी के लिए अकुशल श्रमिक आता है तो उसके लिए अधिकतम 692 रुपये प्रतिदिन और ग्रेजुएट या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों के लिए 913 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पैसा दिया जा सकता है.
चुनाव प्रचार के लिए फूल और माला का रेट भी चुनाव आयोग ने तय किया हुआ है.
– छोटी माला का रेट 20 रुपये,
– 10 फीट की बड़ी माला के लिए 1500 रुपये
– वहीं फूल 35 रुपये प्रति वर्ग फुट के रेट से खरीदे जा सकते हैं.
– साफ सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाली झाड़ू की कीमत 25 रुपये
– तो टोपी के लिए 2 रुपये वहीं प्रिंटेड टी-शर्ट के लिए 110 रुपये कीमत तय की गयी है.
यानी कुल मिलाकर चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल होने वाली सुई से लेकर हाथी तक के रेट तय कर दिए हैं. ऐसे में अब हर एक उम्मीदवार चुनाव प्रचार में पैसा तो जरूर खर्च कर रहा है, लेकिन साथ ही यह ध्यान रखा जा रहा है कि जब चुनाव आयोग को चुनाव खर्च का ब्यौरा देना हो तो उसमें चुनाव आयोग की तरफ से जारी की गई इस रेट लिस्ट के मुताबिक ही पैसा खर्च किया जाए. वरना अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो चुनाव आयोग कार्रवाई भी कर सकता है.
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