punjab bjp chief sunil jakhar share broken seat of plane after shivraj singh chauhan
Airline Broken Seat: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने विमान की टूटी हुई सीट की फोटो शेयर कर एयरलाइन कंपनी की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने 27 जनवरी को चंडीगढ़ से दिल्ली आने वाले इंडिगो के एक प्लेन की सीटों को लेकर कहा कि इनमें सुरक्षा नियमों के अनुरूप फिट की गईं सीटें नहीं हैं. इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से दिल्ली आने वाली एअर इंडिया में टूटी हुई सीट अलॉट किए जाने की शिकायत की थी.
रविवार (23 फरवरी) को X पर एक पोस्ट में सुनील जाखड़ ने कहा कि इस फ्लाइट में टूटी हुई सीटों के बारे में जब उन्होंने केबिन क्रू को बताया तो उन्हें एयरलाइन की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराने को कहा गया.
सुनील जाखड़ ने टूटी सीटों को लेकर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्लेन में टूटी हुई सीटों को लेकर नाराजगी जताई थी, लेकिन ऐसा लगता है कि ये हाल सिर्फ एअर इंडिया का ही नहीं है. 27 जनवरी को चंडीगढ़ से दिल्ली आने वाले इंडिगो प्लेन की ये तस्वीरें दिखाती हैं कि कई सीटों के कुशन ढीले पड़े हैं और सुरक्षा मानकों के अनुरूप सीटें नहीं हैं. जाखड़ ने कहा कि मुझे सीटों के कुशन या आराम की चिंता नहीं है. मैं इसलिए लिख रहा हूं ताकि DGCA यह सुनिश्चित कर सके कि एअर इंडिया और इंडिगो का ‘चलता है’ रवैया विमान की सर्विसिंग और रखरखाव के दौरान सुरक्षा मानदंडों के पर लागू न हो.
It seems broken seats, as pointed out by Sh @ChouhanShivraj ji are not the exclusive domain of Air India. Here are some pictures of an Indigo Chd-Del flight on 27th January showing many seats having loosely thrown cushions and not the regular fitted seats conforming to the safety… pic.twitter.com/0f5R9ckAQd
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) February 23, 2025
शिवराज सिंह चौहान को मिली थी फ्लाइट में टूटी हुई सीट
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से दिल्ली आने वाले एअर इंडिया के विमान में टूटी हुई कुर्सी दिए जाने की शिकायत की थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि मैंने एअर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकिट करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई. मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी. बैठना तकलीफदायक था.
क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं? शिवराज ने पूछा
उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए. ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं. इस दौरान मुझे कई यात्रियों ने सीट बदलने का आग्रह किया, लेकिन मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा करूंगा. मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एअर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा.