Pune Porsche car Accident accused consumed alcohol on night of incident said police
Pune Porsche Accident: पुणे के कल्याणीनगर इलाके में एक नाबालिग द्वारा तेज रफ्तार में पोर्शे कार चलाकर दो लोगों को कुचलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में काफी गुस्सा है. वहीं मामले को लेकर पुणे पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं.
आरोप था कि पुणे पुलिस ने समय रहते आरोपी वेदांत अग्रवाल के खून की जांच नहीं की, जिससे उसे कोर्ट में फायदा मिल गया. काफी समय बीत जाने के बाद वेदांत अग्रवाल के शरीर में शराब का कोई अंश नहीं निकला.
वहीं पूरी घटना को लेकर पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने ‘एबीपी माझा’ से बातचीत करते हुए बताया दावा किया कि हालांकि वेदांत अग्रवाल की ब्लड रिपोर्ट अभी नहीं आई है, लेकिन हमारे पास उनके खिलाफ मजबूत तकनीकी सबूत हैं.
अमेतिश कुमार ने आगे कहा कि जब हमने वेदांत अग्रवाल को कोर्ट में पेश किया तो भी उसने कहा कि उसने शराब पी रखी है. घटना की रात आरोपी ने 48 हजार रुपये का बिल भी चुकाया. इसके अलावा वह एक संकरी सड़क पर तेज गति से बिना नंबर प्लेट की कार चला रहा था, ये सभी बातें हमने अदालत के संज्ञान में दी हैं, लेकिन कोर्ट ने वेदांत अग्रवाल को जमानत दे दी.
‘हमने आरोपी पर केस चलाने की मांग की’
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जैसे ही यह घटना हमारे संज्ञान में आई, उसी समय इस मामले में आईपीसी की धारा 304 बढ़ा दी गई. आईपीसी 304 का मतलब है कि इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है. इसमें सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है. इसलिए, नाबालिग न्याय अधिनियम की धारा 2 में प्रावधान है कि अगर कोई अपराध जघन्य है, तो नाबालिग अपराधी पर संज्ञान के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसलिए हमने अदालत में दो आवेदन दायर किए.
कोर्ट ने खारिज की मांग
उन्होंने बताया कि एक आवेदन में मांग की गई कि आरोपी पर अत्याचार का संज्ञान लेकर मुकदमा चलाया जाए, जबकि दूसरी अर्जी में मांग की गई कि फैसला आने तक आरोपी को 14 दिन के लिए रिमांड होम भेजा जाए. हालांकि, कोर्ट ने इन दोनों मांगों को खारिज कर दिया और उन्हें जमानत दे दी.
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जमानत देना अदालत का विशेषाधिकार है, हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं, लेकिन आरोपी को जमानत मिलने के बाद जनता ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
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