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Problems between Nepal-India can be resolve through open dialogue says PM KP Sharma Oli | भारत से सीमा विवाद पर नेपाल के पीएम के पी ओली ने दिया बड़ा बयान, बोले


नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने शनिवार को कहा कि नेपाल और भारत के बीच समस्याओं का समाधान मुक्त संवाद और सौहार्दपूर्ण माहौल से हो सकता है.

पूर्व प्रशासक सूर्यनाथ उपाध्याय की पुस्तक ‘‘इंटरनेशनल वाटरकोर्सस लॉ: ए पर्सपेक्टिव ऑन नेपाल-इंडिया कोऑपरेशन’’ के विमोचन के अवसर पर ओली ने कहा, ‘‘नेपाल और भारत के बीच ज्यादा नहीं, बहुत कम समस्याएं हैं और यदि हम सौहार्दपूर्ण माहौल एवं मुक्त संवाद को बनाए रखें तो उनका समाधान हो सकता है.’’

ओली ने कहा, ‘‘भारत हमारा मित्रवत पड़ोसी है और नेपाल और भारत की संस्कृति समृद्ध है, इसलिए हमें मुक्त संवाद करना चाहिए. हमारे खुलकर बात न कर पाने की अक्षमता के लिए केवल भू-राजनीतिक स्थिति को दोष नहीं दिया जा सकता. हमें सत्ता हासिल करने और उसे बनाए रखने के किसी भी खेल में शामिल नहीं होना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व में, विदेशी संबंध देश की ताकत के आधार पर कायम होते थे…. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, किसी भी देश को अपने राष्ट्रीय हितों को अंतरराष्ट्रीय संधियों तथा समझौतों के अनुरूप उचित एवं न्यायसंगत तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए.’

ओली ने जोर देकर कहा, ‘‘साझा संसाधनों पर काम करते समय एकतरफा दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए. यह आम सहमति और द्विपक्षीय चर्चा के आधार पर किया जाना चाहिए.’’

वर्ष 2020 में नेपाल द्वारा एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गये थे. नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्रों- लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख- को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था. उस वक्त भी प्रधानमंत्री पद पर तैनात ओली ने बढ़ते घरेलू दबाव को रोकने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करने का प्रयास किया.

ओली ने अतीत में नेपाल के आंतरिक मामलों में कथित रूप से हस्तक्षेप करने के लिए भारत की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी. नेपाल पांच भारतीय राज्यों – सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करता है.



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