President Droupadi Murmu gave PM Rashtriya Bal Puraskar To Kota Rajasthan Aryan Singh Ann
Kota News: देश के किसानों को अपने खेत में फसलों की बुवाई, कटिंग, हार्वेस्टिंग, पैदावार और मिट्टी की उर्वरकता बढाने के लिए अब महंगे उपकरण खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी. कोटा (Kota) के छात्र आर्यन सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित एक ऐसा सस्ता एग्रोबोट-2.0 तैयार किया है, जिसकी मदद से किसान कहीं भी बैठकर अपनी पैदावार की प्रभावी मॉनिटरिंग कर सकेंगे. कोटा के आर्यन सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नए इनोवेशन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है.
आर्यन ने बताया कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे 30 मिनट मिले और उनके भारतीय किसानों के लिए बनाए गए अनूठे एग्रोबोट 2.0 की विस्तार से जानकारी ली. आर्यन ने बताया कि पीएम ने मुझे विश्वास दिलाया कि मैनें फसलों की गुणवत्ता बढाने के लिए अनूठा सस्ता रोबोट तैयार किया है. इसे देश के आम किसानों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार मदद करेगी. आर्यन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मेरे साथी को ऐप बनाने पर उसे माय जीओवी डॉट इन वेबसाइट पर ब्रांड एम्बेसेडर बनाया है.
एग्रोबोट का सफल परीक्षण किया
आर्यन ने बताया कि कक्षा-9वीं से उसने अटल टेंकरिंग लैब में इस प्रोजेक्ट पर काम प्रारंभ किया था. उसने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान मेंटर ओपी सोनी के साथ वो लगातार इस पर काम करता रहा. साल 2023 में आर्यन ने एक बगीचे में सौर उर्जा के साथ इस एग्रोबोट का सफल परीक्षण किया. शहर के डीसीएम इंद्रा गांधी नगर निवासी 19 वर्षीय आर्यन सिंह ने बताया कि उसके दादा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में छोटी सी खेती करते थे. ट्रेक्टर और अन्य मशीनें खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे.
आर्यन ने बताया कि तब उसने सोचा था कि वो बड़े होकर किसानों के लिए सस्ता उपकरण तैयार करेगा. इंद्रा गांधी नगर में 20 साल से ई-मित्र की दुकान चला रहे आर्यन के पिता जितेंद्र सिंह और मां मनसा देवी ने बताया कि वो स्कूल में पढते हुए एग्रीकल्चर में इनोवेशन करने में जुटा रहा. घर पर किताबें पढ़ना और कम्प्यूटर पर खोज करना उसकी रुचि रही. स्कूल में जाकर अटल टेंकरिंग लैब में कई घंटे बैठकर वो रोबोट तैयार करने में जुटा रहा. आर्यन बूंदी के सरकारी पॉलिटेक्नीक कॉलेज से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक कर रहा है.
आर्यन को मिले हैं 5 अंतरराष्ट्रीय और 10 भारतीय अवार्ड
उसे पांच अंतरराष्ट्रीय और 10 भारतीय अवार्ड मिल चुका हैं. इसमें यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड 2020, रशियन यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 और रशियन यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा, कनाडा (टोरंटो) यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 और सिल्वर मेडल शामिल है. इतना ही नहीं आर्यन को एटीएल टिंकर प्रिन्योर (शीर्ष 100 छात्र में शामिल) और एटीएल टिंकर प्रिन्योर मोस्ट कंसिस्टेंट स्टूडेंट्स भी चुना गया. किसान परिवार से होने के कारण आर्यन का लक्ष्य छोटे किसानों तक सस्ता रोबोट पहुंचाने का है.
50 हजार की लागत से तैयार हुआ एग्रोबोट
अब वह आई स्टार्ट के जरिए इनक्यूबेशन ले रहा है, ताकि अपने स्टार्टअप आइडिया को बाजार तक पहुंचा सके. एआई बेस्ड एग्रोबोट को तैयार करने में 50 हजार की लागत आई है, जबकि कोटा में इसके लिए किसानों को लाखों रुपये की मशीन खरीदनी पड़ती है. आर्यन ने दावा किया कि इस सस्ते रोबोट को किसान उबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकता है. गड्ढे से लेकर समतल जगहों तक पर ये काम करता है. साथ ही बीज बोने और फसलों की कटिंग में भी यह बहुत मददगार है.
किसानों के लिए मददगार साबित होगा एग्रोबोट
उसने बताया कि किसान इसकी मदद से मिट्टी की उर्वरकता, पौधों की गणना, पानी की आवश्यकता के बारे में जान सकते हैं. वो यह भी पता लगा सकते हैं कि कितनी फस्ल खराब हुई है और बाकी किस हालात में है. यह एग्रोबोट पूरी जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस पर देता है. खरपतवार को अलग रंग देने के लिए उस पर तुरंत स्प्रे कर दिया जाता है, ताकि जब खेत में जाए तो उन पौधों को तुरंत उखाड़ कर अलग किया जा सके. यह रोबोट फसलों में कीट पतंगे, टिड्डी दल या फिर किसी जानवर के प्रवेश की जानकारी देता है. इसमें लगे सिक्यूरिटी कैमरे से पता चलता है कि खेत में किसी व्यक्ति ने प्रवेश किया है या जानवर ने.
पिछले साल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर कोटा में आयोजित एग्रो फिस्ट में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आर्यन सिंह का यह रोबोट देख बहुत प्रभावित हुए थे. उन्होंने कहा था कि जब यह प्रोडक्ट लॉन्च होगा तो वो पहला ऑर्डर स्वयं देंगे. इस कृषि मेले में विभिन्न जिलों के पांच हजार किसानों ने एग्रो बोट खरीदने में रुचि दिखाई थी.
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