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Delhi Assembly Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद राजधानी में सरकार बनाई जबकि AAP की सीटें घटकर 22 रह गईं. 2020 के चुनाव में AAP ने 62 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार उसका जनाधार काफी कम हो गया. वहीं कांग्रेस जो INDIA गठबंधन की सदस्य होते हुए भी इस चुनाव में अलग लड़ी और एक भी सीट जीतने में नाकाम रही.

AAP की हार को लेकर पार्टी के पूर्व सहयोगियों ने अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. स्वराज इंडिया पार्टी के सह-संस्थापक और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने AAP की हार को “वैकल्पिक राजनीति के सपने के लिए एक बड़ा झटक” बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी की हार केवल AAP के लिए नहीं बल्कि उन सभी लोगों के लिए नुकसानदायक है जिन्होंने पारदर्शी और ईमानदार राजनीति का सपना देखा था.

केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार का आरोप

AAP के पूर्व नेता और सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर सत्ता के केंद्रीकरण का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि AAP जो पारदर्शिता और जवाबदेही की बात करती थी एक ‘सुप्रीमो-डोमिनेटेड’ पार्टी बन गई जहां सारे फैसले केवल केजरीवाल के हाथ में रहे. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने पार्टी के लोकपाल को हटा दिया और अपनी ऐशो-आराम की जिंदगी के लिए सरकारी धन का गलत इस्तेमाल किया.

केजरीवाल की राजनीतिक यात्रा

अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफर 2000 में इनकम टैक्स अधिकारी की नौकरी छोड़ने के बाद शुरू हुआ. उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में काम किया और 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में चले ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन से सुर्खियों में आए. इस आंदोलन की परिणति AAP के गठन में हुई जिसने 2015 में दिल्ली चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.

AAP की हार से राजनीतिक समीकरणों में बदलाव

2024 में केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले में जेल जाना पड़ा जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने जनता से ‘ईमानदारी का प्रमाण पत्र’ मांगा, लेकिन 2025 के चुनाव परिणाम ने ये स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली के मतदाताओं ने उनका साथ छोड़ दिया है. AAP की इस हार को कई राजनीतिक विशेषज्ञ पार्टी की नीतियों और नेतृत्व की असफलता से जोड़ रहे हैं जिससे दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है.

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