Port Blair will be Now known as Shri Vijaypuram PM Modi’s reaction revealed | पोर्ट ब्लेयर नहीं, अब श्री विजयपुरम कहिए! UT का नाम बदलने के बाद बोले PM नरेंद्र मोदी
Port Blair: केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (13 सितंबर) को इसका ऐलान किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह निर्णय देश को औपनिवेशिक प्रतीकों से मुक्त करने के लिये लिया गया है, क्योंकि अंडमान निकोबार द्वीप समूह का देश के स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अद्वितीय स्थान है.
पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा कि यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के समृद्ध इतिहास और वीर लोगों का सम्मान है.
‘यह समृद्ध इतिहास और वीर लोगों का सम्मान है’
PM मोदी ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर का नाम श्री विजयपुरम किया जाना अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के समृद्ध इतिहास और वीर लोगों का सम्मान है. साथ ही यह औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होने तथा भारतीय विरासत का जश्न मनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.
पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने पर अमित शाह ने कही ये बात
अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम श्री विजयपुरम करने का निर्णय लिया है. श्री विजयपुरम नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है.”
देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।
‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को…
— Amit Shah (@AmitShah) September 13, 2024
उन्होंने आगे लिखा,” इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है. चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है. यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा माँ भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है.”