politics over Ambedkar remarks Opposition steps up attack BJP countering offensive
Protest On BR Ambedkar Row: संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में अमित शाह की टिप्पणी से शुरू हुआ बीआर अंबेडकर पर राजनीतिक टकराव संसद से लेकर सड़कों तक फैल गया है. विपक्षी दल इसे भाजपा पर दबाव बनाने के लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, जबकि बीजेपी नुकसान को कम करने के लिए प्रभावी ढंग से जवाबी हमला कर रही है और बार-बार इसे “तोड़-मरोड़कर पेश किया गया बयान” बताते हुए अपने बचाव में जुटी है.
इस मुद्दे पर पूरी तरह से आक्रामक रुख अपनाते हुए कांग्रेस ने आज कई राज्यों में अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाला. कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने कहा, “पिछले एक हफ्ते से पूरे भारत में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं. आज सभी जिला समितियां प्रदर्शन कर रही हैं और जिला कलेक्टरों के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेंगी.”
सपा करेगी पीडीए चर्चा कार्यक्रम
लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. बसपा प्रमुख मायावती ने पहले शाह की टिप्पणी को अंबेडकर के अनुयायियों के लिए बेहद दुखद बताया था. वहीं, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक उत्तर प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ‘पीडीए चर्चा’ कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य संविधान की रक्षा करना और डॉ. बीआर अंबेडकर के आदर्शों का प्रचार करना है.
सपा ने एक बयान में कहा, “संसद में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा दिया गया बयान भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के प्रति अपमानजनक था.” समाजवादी पार्टी का कहना है कि प्रभुत्वशाली, सामंती ताकतों ने ऐतिहासिक रूप से अंबेडकर के समानता के सिद्धांतों का विरोध किया है, क्योंकि इनसे उनकी पारंपरिक सत्ता को चुनौती मिली है और उत्पीड़ित और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने की कोशिश की गई है.
टीएमसी का रुख
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने भी अमित शाह से इस्तीफा देने या माफी मांगने की मांग की और कहा कि भाजपा को अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत है.कुणाल घोष ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. बीआर अंबेडकर और संविधान की भावना का अपमान किया है. टीएमसी समेत कई पार्टियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की निंदा की और उसका विरोध किया.
दबाव में आई बीजेपी
टीएमसी समेत हर पार्टी विरोध कर रही है और इन सबके बाद बीजेपी दबाव में है. बीजेपी को कोई स्टैंड लेना होगा और देश के सामने अपना रुख स्पष्ट करना होगा. विपक्ष के हमले का बीजेपी ने कड़ा जवाब दिया लगभग सभी बीजेपी मुख्यमंत्री अमित शाह के बचाव में सामने आए और केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया.
‘दलितों का अपमान करना कांग्रेस का रहा है इतिहास’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न बाबा डॉ. भीमराव अंबेडकर का लगातार अपमान करने के लिए कांग्रेस से माफी की मांग की और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने बाबा साहब के सपनों का देश बनाने का काम किया है. यूपी के सीएम ने कहा कि कांग्रेस का देश में दलितों और वंचितों का अपमान करने का इतिहास रहा है.
संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन और हाथापाई
पिछले हफ्ते अमित शाह की टिप्पणी के बाद संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर हाथापाई हुई, जिसमें दो भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए. दोनों दलों ने आरोप लगाया कि उनके पार्टी सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की गई. बाद में, दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की. बता दें कि अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में चुनाव होने हैं, इसलिए विपक्ष इस मुद्दे को उठाना जारी रखेगा. कांग्रेस ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं दे देते और माफी नहीं मांग लेते, तब तक वह विरोध करना बंद नहीं करेगी.