Politics Intensifies On Union Minister Nitin Gadkari’s Visit To Himachal Ann
Nitin Gadkari Himachal Pradesh Visit: देश की राजनीति में अपने काम की वजह से अलग पहचान रखने वाले नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) हिमाचल दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान वो हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बारिश की वजह से हुए नुकसान का जायजा लेंगे. नितिन गडकरी मुख्य रूप से नेशनल हाईवे को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंच रहे हैं. इसके अलावा वो प्रदेश की सड़कों को हुए नुकसान का भी जायजा लेंगे. इससे पहले केंद्रीय टीम भी हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुकी है.
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दौरे पर राजनीति भी जोरों पर है. कांग्रेस-बीजेपी के बीच नितिन गडकरी के दौरे का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. बीते दिनों हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) और मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने नितिन गडकरी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद जब विक्रमादित्य सिंह शिमला लौटे, तो उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने गडकरी को हिमाचल प्रदेश आने का आग्रह किया ताकि वो नुकसान का जायजा ले सकें.
दिल्ली पहुंच गए जयराम ठाकुर
इसके बाद हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी नितिन गडकरी से मुलाकात कर उन्हें हिमाचल प्रदेश आने का आग्रह किया. पूर्व मुख्यमंत्री का दावा है कि नितिन गडकरी उनके बुलावे पर हिमाचल आ रहे हैं. नितिन गडकरी के हिमाचल दौरे से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को ही दिल्ली पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक, वो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ दिल्ली से ही हिमाचल प्रदेश पहुंचेंगे.
CM सुक्खू ने भी बदला अपना प्लान
इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का भी पहले शिमला से कुल्लू जाने का प्लान था, लेकिन अचानक इस प्लान में भी बदलाव हुआ और मुख्यमंत्री कुल्लू की बजाय चंडीगढ़ पहुंच गए. अब यहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का स्वागत करेंगे. अब दोनों ही दलों में नितिन गडकरी के दौरे का श्रेय लेने की होड़ रहने वाली है, लेकिन इन सब से इतर प्रदेश की जनता को तो राहत की उम्मीद है.
कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश को आपदा ने बुरी तरह हिला कर रख दिया. प्रदेश सरकार पहले ही जनता पर डीजल का वैट बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ लाद चुकी है. जनता को उम्मीद है कि यह बोझ केंद्र से मिलने वाली सहायता से कुछ हद तक कम हो सकेगा.