PM Modi Count Failures Of The Opposition During His Speech On No Confidence Motion Says Janata Dal United ANN
JDU Targets PM Modi: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम संसद में अपने दो घंटे के भाषण में सिर्फ केंद्र सरकार की उपलब्धियां और विपक्ष की नाकामी गिनाते रहे. वह बस इसी मकसद के साथ भाषण देने आए थे. प्रधानमंत्री को अपने भाषण की शुरुआत में ही मणिपुर पर बोलना चाहिए था.
जदयू नेता ने कहा कि मणिपुर में हिंसा हुई, बहू-बेटियों की इज्जत लूटी गई, लोगों ने हथियार उठा लिए और कई परिवार पलायन कर गए. इन सबके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. हालांकि, पीएम मोदी यह दिखाने की कोशिश करते रहे कि ये सब विपक्ष के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग को लेकर विपक्ष को किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं थी. हम लोग बस पीएम मोदी के घंमड और केंद्र सरकार की नींद तोड़ना चाहते थे.
मणिपुर पर गंभीर हो जाएं पीएम मोदी- जेडीयू नेता
जेडीयू नेता ने कहा कि पीएम विपक्ष के INDIA (इंडिया) गठबंधन को घमंडिया गठबंधन बता रहे थे. बेइज्जत करने की कोशिश कर रहे थे. विपक्ष सदन से चला गया. राजीव रंजन ने आगे कहा कि पीएम मणिपुर को लेकर गंभीर हो जाएं और वहां जाएं.
पीएम मोदी ने विपक्ष को लिया आढ़े हाथ
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अपने भाषण में पीएम मोदी ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि विपक्ष के लोग बीच से ही भाग गए. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गए. वे नहीं चाहते थे कि मतदान हो, वोटिंग होती तो घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती. इन लोगों ने मणिपुर के लोगों के साथ विश्वासघात किया है.
‘मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहता विपक्ष’
पीएम ने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले गृह मंत्री ने चिट्ठी लिखकर कहा था कि मणिपुर पर चर्चा होनी चाहिए. इतने संवेदनशील विषय पर पक्ष-विपक्ष में विस्तार से बात होती तो मणिपुर के लोगों के जख्मों पर मरहम लगता और समस्या का समाधान निकलता, लेकिन ये लोग मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते थे. उन्हें मालूम था कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उन्हें चुभने वाला है. उनके लिए देश से बड़ा दल है. इसलिए मणिपुर की चर्चा टाल दी.
प्रधानमंत्री ने कहा, ”विपक्ष में बैठे हुए साथी अपना स्कोर करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने इतने सारे विषय उठाए और अनर्गल आरोप लगाए. क्यों? क्योंकि मणिपुर का विषय किनारे हो जाए. विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर राजनीतिक बहस को प्राथमिकता दी.”
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