PM Modi chairs first governing board meeting of newly formed ANRF says no shortage of resources
Anusandhan National Research Foundation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (10 सितंबर 2024) को अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की गवर्निंग बॉडी की पहली बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने देश के रिसर्च इको सिस्टम में बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने देश के वैज्ञानिक समुदाय को विश्वास दिलाया कि उनके प्रयासों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक बैठक में भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिदृश्य और अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों के पुनर्डिजाइन के बारे में चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया गया.
‘भारतीय जरूरतों के अनुसार हो समस्याओं का समाधान’
बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ने देश के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने बड़े लक्ष्य तय करने, उन्हें हासिल करने पर ध्यान देने और पथप्रदर्शक शोध करने की बात कही.’’ उन्होंने कहा कि रिसर्च में मौजूदा समस्याओं के नए समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि समस्याएं वैश्विक प्रकृति की हो सकती हैं, लेकिन उनका समाधान भारतीय जरूरतों के अनुसार स्थानीय स्तर पर होना चाहिए.
पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री ने संस्थानों के अपग्रेड और मानकीकरण की आवश्यकता पर चर्चा की और विशेषज्ञता के आधार पर डोमेन विशेषज्ञों की एक सूची तैयार करने का सुझाव दिया. उन्होंने एक डैशबोर्ड विकसित करने के बारे में भी बात की, जहां देश में हो रहे अनुसंधान और विकास से संबंधित जानकारी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों के उपयोग की वैज्ञानिक निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया.
संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी- पीएम मोदी
बयान के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के वैज्ञानिक समुदाय को विश्वास होना चाहिए कि उनके प्रयासों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी.’’ अटल टिंकरिंग लैब्स के सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि इन लैबों की ग्रेडिंग की जा सकती है. उन्होंने पर्यावरण परिवर्तन के नए समाधान खोजने, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी सामग्री, प्रयोगशाला में विकसित हीरे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान पर भी चर्चा की.
बैठक के दौरान, गवर्निंग बॉडी ने हब एंड स्पोक मोड में एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया, जिसमें उन विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाएगा जहां अनुसंधान प्रारंभिक चरण में है. बयान में कहा गया कि गवर्निंग बॉडी ने एएनआरएफ के रणनीतिक हस्तक्षेपों के कई क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों में भारत की वैश्विक स्थिति, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना, क्षमता निर्माण, वैज्ञानिक प्रगति और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को चलाना और अकादमिक अनुसंधान और औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटना शामिल है.
शोधकर्ताओं को सशक्त बनाने पर पीएम का बयान
बयान के मुताबिक एएनआरएफ, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) गतिशीलता, उन्नत सामग्री, सौर सेल, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, सतत कृषि और फोटोनिक्स जैसे चुनिंदा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिशन मोड में समाधान-केंद्रित अनुसंधान पर कार्यक्रम शुरू करेगा. बयान के मुताबिक गवर्निंग बॉडी ने ज्ञान की उन्नति के लिए मौलिक अनुसंधान को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया और मानविकी और सामाजिक विज्ञान में अंतः विषय अनुसंधान का समर्थन करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया.
पीएमओ ने कहा, ‘‘इस बात पर भी सहमति हुई कि अनुसंधान करने में आसानी प्राप्त करने के लिए हमारे शोधकर्ताओं को लचीले और पारदर्शी वित्त पोषण तंत्र के साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता है.’’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत देश भर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) का गठन किया गया है. इसका उद्देश्य गणितीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य और कृषि सहित प्राकृतिक विज्ञानों के क्षेत्रों में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करना है.
ये भी पढ़ें : ‘रूस-यूक्रेन को करनी ही होगी बातचीत, चाहें तो भारत सलाह देने को तैयार’, बर्लिन से एस जयशंकर ने दिया संदेश