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PM Modi Appears To Be A More Visionary Leader Than Chinese President Xi Jinping: British Economist – चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के मुकाबले कहीं अधिक दूरदर्शी नेता दिखते हैं पीएम मोदी: ब्रिटिश अर्थशास्त्री


चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के मुकाबले कहीं अधिक दूरदर्शी नेता दिखते हैं पीएम मोदी: ब्रिटिश अर्थशास्त्री

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

ब्रिटेन के अर्थशास्त्री जिम ओ’नील ने कहा है कि, नई दिल्ली में पिछले सप्ताह के शिखर सम्मेलन से सामने आए संयुक्त घोषणापत्र ने इस बात की और पुष्टि की है कि जी20 वैश्विक समस्याओं के लिए वास्तविक वैश्विक समाधान पेश करने की गुंजाइश और वैधता वाला एकमात्र निकाय है. जी7 और नए विस्तारित ब्रिक्स जैसे वैकल्पिक समूह तुलनात्मक रूप से दिखावे की तरह दिखते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी अब चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तुलना में ‘दूरदर्शी राजनेता’ की तरह दिखते हैं.

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जिम ओ’नील ने कहा कि, भारत-चीन एकजुटता की कमी नए ब्रिक्स के लिए एक बड़ी बाधा होगी.ओ’नील ने ही ब्राजील, रूस, भारत और चीन के समूह को ‘ब्रिक’ नाम दिया था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने पर इसका नाम ‘ब्रिक्स’ हो गया है.

 

उन्होंने कहा कि, अब जी20 शिखर सम्मेलन से शी की अनुपस्थिति ने दोनों देशों के बीच विभाजन को और गहरा कर दिया है. अगर शी हमें अन्यथा समझाना चाहते हैं, तो उन्हें मोदी तक पहुंचना होगा. मौजूदा स्थिति के अनुसार, जी20 बैठक की सफलता मोदी को शिखर सम्मेलन के इस सत्र में स्पष्ट विजेता बनाती है. धारणाएं मायने रखती हैं, और इस समय वह शी की तुलना में अधिक दूरदर्शी राजनेता की तरह दिखते हैं.

जिम ओ’नील ने कहा है कि जी20 घोषणापत्र वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए ठोस प्रयासों की दिशा में पहला कदम हो सकता है. 

जिम ओ’नील ने ‘प्रोजेक्ट सिंडिकेट’ पर एक लेख में कहा है कि न तो ब्रिक्स और न ही जी7 के पास जलवायु परिवर्तन से लेकर यूक्रेन युद्ध और आर्थिक स्थिरता जैसी चुनौतियों से निपटने की प्रामाणिकता या क्षमता है. 

उन्होंने कहा कि भारत-चीन एकजुटता की कमी नए ब्रिक्स के लिए एक बड़ी बाधा होगी, जिसमें हाल ही में छह नए सदस्यों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता है शी ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने के लिए शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया. 

ब्रिटिश अर्थशास्त्री ने कहा कि चाहे जो भी मकसद हो, उनके फैसले से यह असर हुआ कि हालिया ब्रिक्स बैठक के महत्व को कम करके देखा जा रहा है, जिसे कई लोगों ने चीन की जीत के रूप में देखा था.



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