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PM मोदी ने ‘शरीर की सूजन’ से बताया मनमोहन और अपने बजट का फर्क, जानिए क्या कहा




नई दिल्ली:

पीएम मोदी ने मंगलवार को सीआईआई सम्मेलन कांग्रेस और पिछली यूपीए सरकार को जमकर घेरा. इस मौके पर PM मोदी ने ‘शरीर की सूजन’ का उदाहरण देकर मनमोहन सरकार और अपनी सरकार के बजट के फर्क को समझाया. पीएम मोदी ने कहा कि जैसे कोई कमजोर व्यक्ति होता है, जिसका वजन कम है, लेकिन उसके शरीर में किसी बीमारी के कारण सूजन आ जाए और पहले की तुलना में कपड़े छोटे होने लग जाएं तो क्या हम उसे हेल्दी मानेंगे. देखने में वो हेल्दी लगेगा, लेकिन वह होता तो कमजोर है. ठीक इसी तरह 2014 से पहले बजट का यही हाल था. बजट की बड़ी घोषणाएं इसलिए की जाती थीं कि जीडीपी की सेहत अच्छी है. लेकिन सच्चाई है ये है कि बजट में जो घोषणाएं होती थी वो भी जमीन पर पूरी तरह नहीं उतर पाती थीं. ये लोग इंफ्रास्ट्रक्चर पर तय की गई घोषित राशि भी नहीं खर्च पाते थे. योजनाओं को तय समय पर पूरा करने को लेकर भी पहले की सरकारों का कोई जोर नहीं था. हमने 10 सालों में इस स्थिति को बदला है.

पीएम मोदी सीआईआई सम्मेलन संबोधन में क्या बोले?

पीएम मोदी  ने मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे याद है, महामारी के समय आप और हम चर्चा कर रहे थे और चर्चा का विषय रहता था- गेटिंग थ्रो बैक, तब मैंने आपसे कहा था कि भारत बहुत ही जल्द विकास के पथ पर दौड़ेगा. आज भारत 8 प्रतिशत की रफ्तार से ग्रो कर रहा है. आज हम सभी चर्चा कर रहे हैं- जर्नी टुवर्ड्स विकसित भारत. आज भारत, दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है और वो दिन दूर नहीं जब भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

भारत की इंडस्ट्रीज को हम ऊंचाई पर लाए

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जिस बिरादरी से आता हूं, उस बिरादरी की पहचान बन गई है कि चुनाव से पहले जो बातें करते हैं, वो चुनाव के बाद भुला देते हैं, लेकिन मैं उस बिरादरी में अपवाद हूं. इसलिए मैं आपको याद दिलाता हूं कि मैंने कहा था कि मेरे तीसरे टर्म में देश, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. भारत बहुत सधे हुए कदमों से लगातार आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि साल 2014 में हमारी सरकार बनी तो सबसे बड़ा प्रश्न यही था कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लाएं. 2014 के पहले फ्रैजाइल 5 वाली स्थिति और लाखों-करोड़ों के घोटाले के बारे में हर किसी को पता है कि हमारी अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति थी. इसकी बारीकियां सरकार ने व्हाइट पेपर जारी कर देश के सामने रख दिया. मैं अपेक्षा करता हूं कि आप जैसे लोग और संगठन उस पर जरूर अध्ययन करें. भारत और भारत की इंडस्ट्रीज को उस महासंकट से निकालकर हम इस ऊंचाई पर लाए हैं.

पीएम मोदी ने बताया यूपीए और एनडीए सरकार का फर्क

पीएम मोदी ने कहा, “2004 में यूपीए सरकार की शुरुआत हुई और यूपीए सरकार के पहले बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर करीब 90 हजार करोड़ रुपए था. 10 साल सरकार चलाने के बाद यानी 2014 में यूपीए सरकार कैपिटल एक्सपेंडीचर का बजट 2 लाख करोड़ रुपये पहुंचा पाई थी. आज कैपिटल एक्सपेंडीचर का बजट 11 लाख करोड़ रुपये ये भी ज्यादा है.” सीआईआई सम्मेलन में पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में, 1 करोड़ रुपये कमाने वाली एमएसएमई को प्रिजम्प्टिव टैक्स देना होता था और अब 3 करोड़ कमाने वाली एमएसएमई भी इसका लाभ उठा सकती है. 2014 में, 50 करोड़ कमाने वाली एमएसएमई को 30 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होता था, आज ये रेट 22 प्रतिशत है. 2014 में, कंपनियां 30 प्रतिशत निगम कर देती थीं, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए ये रेट 25 प्रतिशत है.

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