Pitru Deepawali celebrated at Vishnupad temple and Falgu river ghat in Gaya ann
गया के विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी के देवघाट पर सोमवार को पितृ दीपावली मनाई गई. पितृपक्ष के 14 वें दिन त्रयोदशी के दिन पितृ दीपावली मनाए जाने की परंपरा है. पितरों के लिए घी का दीया जलाकर खुशी मनाई जाती है.
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन दीपदान और पितृ दीपावली मनाने से पितरों के स्वर्ग जाने का मार्ग प्रकाशमय हो जाता है. इस दौरान देश विदेश के कोने कोने से आए तीर्थयात्रीयो के द्वारा आकर्षक रंगोली और आकर्षक रूप से घी का दीया को जलाया, जिससे पूरा देवघाट रौशनी से जगमग हो गया.
पितृ दीपावली को लेकर तीर्थयात्रियों में काफी खुशी दिखी. तीर्थयात्रियों के जरिए स्वास्तिक और ओम लिखकर घी का दीया जलाया. लोग पितरों को मोक्ष मिलने के बाद अपनी खुशी का इजहार करते हैं.
पितृपक्ष मेला की अवधि में देश-विदेश के कोने कोने से लाखों की संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष और उद्धार की कामना करते हैं. साथ ही पिंडदान,तर्पण, कर्मकांड और श्राद्ध कार्य को पूरा करते हैं.
पिंडदान करने वाले व्यक्ति अपने पितरों के स्वर्ग मार्ग को प्रकाशमय करने के लिए प्रकाश करते है. मानना है कि पितरों के राह में अंधेरा न हो, उन्हें प्रकाश मिले और वे खुश होकर आशीर्वाद दें.
छत्तीसगढ़ के रायपुर से आए सुनील अग्रवाल ने बताया कि वह गया में 17 दिनों का पिंडदान और श्राद्ध कार्य को कर रहे हैं. आज पितृ दीपावली के मौके पर पितरों का फोटो और पितरों के नाम पर दीप जलाकर पितृ दीपावली को मना रहे हैं, ताकि पितृ खुश हों.
वहीं दिल्ली से आए पवन कुमार गुप्ता ने बताया कि वह अपने पितरों को मोक्ष और उद्धार के लिए 15 दिनों का श्राद्ध कार्य कर रहे हैं आज पितृ दीपावली की जानकारी हुई तो वह भी पितरों के निमित दीप जलाकर पितृ दीपावली मना रहे हैं.
Published at : 30 Sep 2024 09:47 PM (IST)
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