PDP Leader Waheed Para Jammu Kashmir On Concept of One Nation One Election
Waheed Para On One Nation One Election: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता वहीद पारा ने रविवार (15 दिसंबर) को कहा कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की अवधारणा जम्मू कश्मीर की राजनीतिक, विधिक और सांस्कृतिक पहचान को सीधे तौर पर खतरा पेश करती है. पीडीपी नेता ने कहा कि यह योजना जम्मू कश्मीर की राजनीतिक आवाज के बचे-खुचे हिस्से को मिटा देगी.
पुलवामा से विधायक पारा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, ”एक देश, एक चुनाव का प्रस्ताव सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है बल्कि यह सीधे तौर पर जम्मू कश्मीर की राजनीतिक, सांस्कृतिक और विधिक पहचान को खतरा पेश करता है.”
अनुच्छेद 370 हटाया जाना एक झटका था-वहीद पारा
उन्होंने आगे कहा, ”हमारा क्षेत्र अपनी विशिष्ट आवाज और पहचान के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. अनुच्छेद 370 हटाया जाना एक झटका था, और एक देश एक चुनाव हमारी राजनीतिक आवाज के बचे-खुचे हिस्से को भी मिटाने का खतरा पेश कर रहा है.” पारा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनूठे मुद्दे हैं, जैसे धारा 370 और 35 ए की बहाली, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, भूमि अधिकार – जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में शामिल नहीं किया जा सकता है.
”वन नेशन वन इलेक्शन’ हमारी आवाज के लिए खतरा’
PDP नेता ने ये भी कहा, ”ये चिंताएं राष्ट्रीय राजनीति की शोर में खो जाएंगी, जिससे हमें अपनी विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई जगह नहीं मिलेगी. ‘एक देश, एक चुनाव’ हमारी आवाज को दबाने का खतरा पेश करता है, राष्ट्रीय मुद्दों को हावी होने देता है और हमारे क्षेत्र की विशिष्टता को कमजोर करता है.”
पारा ने कहा कि क्षेत्रीय दल लोगों की जरूरतों का प्रतिनिधित्व करने में महत्वपूर्ण हैं लेकिन ‘एक देश, एक चुनाव’ उनकी आवाज दबा देगा. राष्ट्रीय राजनीति अक्सर क्षेत्रीय वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने में विफल रहती है. उन्होंने कहा, ”राष्ट्रीय नीतियां अक्सर हमारी वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने में विफल रहती हैं और एक देश, एक चुनाव इस अंतर को बढ़ा देगा, जिससे शासन संबंधी चुनौतियां और नीतिगत गतिरोध पैदा होंगे.
यह वह सुधार नहीं है जिसकी हमें जरूरत- वहीद पारा
उन्होंने आगे कहा, ”हमारे क्षेत्र की जटिल भौगोलिक स्थिति, सुरक्षा मुद्दे और प्रशासनिक समस्याओं के कारण सामान्य परिस्थितियों में चुनाव कराना काफी कठिन हो जाता है. ‘एक देश, एक चुनाव’ हमारी (जम्मू कश्मीर की) पहचान, राजनीतिक स्वायत्तता और भविष्य पर कुठाराघात करता है. यह वह सुधार नहीं है जिसकी हमें जरूरत है. हमें ऐसी नीतियों की जरूरत है जो हमारी अनूठी चुनौतियों का सम्मान करे और हमारे स्थानीय शासन को संरक्षित करे.”
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