Patna News: पटना में सैनिक की ड्रेस में डोसा-इडली बेचते हैं सूरज गिरी, इन लोगों से लेते हैं आधे दाम, जानें वजह
<p style="text-align: justify;"><strong>Bihar News: </strong>बिहार की राजधानी पटना में हर चौक-चौराहे पर सड़क के किनारे कई तरह के खाने-पीने के ठेले दिखाई देते हैं. लेकिन बेली रोड स्थित चिड़ियाघर के गेट नंबर 1 के सामने डोसा इडली बेचने वाला सैनिक स्टॉल इन दिनों काफी सुर्खियों में है. उसकी वजह है स्टॉल मलिक सूरज गिरी, जिसने अपने स्टॉल पर सभी सैनिकों, पुलिसकर्मियों और होमगार्ड के जवानों के लिए अपना सामान आधे दर पर कर दिया है. 40 रुपये वाला डोसा पुलिसकर्मियों को 20 रुपये में मिलता है. </p>
<p style="text-align: justify;">सूरज गिरी की स्टॉल से कुछ दूरी पर ही पुलिस मुख्यालय और डायल 112 का कार्यालय है. ऐसे में काफी संख्या में वहां पुलिसकर्मियों का आना-जाना लगा रहता है. सूरज गिरी ने अपने स्टॉल का ढांचा भी सैनिकों के रूप में रखा है. इतना ही नहीं वे खुद भी सैनिक वाली ही ड्रेस पहनते हैं. सबसे बड़ी बात है कि वह बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग में चपरासी के पद पर भी कार्यरत है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्यों हैं पुलिसकर्मियों से हमदर्दी?</strong><br />पुलिसकर्मियों के लिए इतनी हमदर्दी सूरज गिरी को क्यों है, इसपर उन्होंने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं. वे 2018 में इंटरमीडिएट करके पटना आ गए और एनसीसी कैंप सीडीए बिल्डिंग पटना में 7 वर्षों तक काम किया. वहां के मेजर सूरज गिरी के काम से काफी प्रभावित हुए.</p>
<p style="text-align: justify;">मेजर जनरल इंद्रबालन जो मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले थे सूरज गिरी उनसे संपर्क में रहे और उन्हीं के रसोइये से इडली डोसा बनाना सीखा. जब मेजर का ट्रांसफर में हो गया तो वे अपने मित्र संतोष कुमार मल जो अभी बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव है, उनके यहां 16000 रुपये में प्राइवेट चपड़ासी के रूप में नौकरी करने लगे. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>20 रुपये में पुलिसकर्मियों, सैनिकों-होमगार्ड को देते हैं डोसा </strong><br />इसके बाद सूरज गिरी ने अपने छोटे भाई मनीष गिरी जो गांव पर रहता था उसे अपने पास पटना बुलाया और चिड़िया खाना के सामने एक स्टॉल लगाया. जिसमें वे इडली डोसा बेचने लगे. बिजनेस की नई तकनीक को देखते हुए उन्होंने बिहार पुलिस, सैनिक और होमगार्ड के जवानों से हाफ पैसा लेने का निर्णय लिया. उन्होंने अपने ठेले के नोटिस बोर्ड पर लिख दिया कि डोसा की कीमत 40 रुपये है लेकिन वे पुलिसकर्मियों, सैनिकों और होमगार्ड जवानों को 20 रुपये में डोसा देंगे. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पुलिसकर्मियों, सैनिकों और होमगार्ड क्यों किया रेट आधा</strong><br />सूरज गिरी ने बताया कि हम 7 सालों तक एनसीसी में रहे हैं और पुलिस कर्मियों की ड्यूटी क्या होती है वह हम अच्छी तरह से जानते हैं, उनके दर्द को हम समझते हैं. उनकी आमदनी क्या होती है और उनका समय कितना महत्वपूर्ण होता है वह हमें बहुत अच्छे से जानकारी है. सूरज गिरी ने कहा हमने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए तो ठेला लगाया लेकिन पुलिसकर्मियों, सैनिकों और होमगार्ड जवानों के दर्द को समझते हुए उनके लिए रेट आधा कर दिया.</p>
<p style="text-align: justify;">सूरज गिरी ने बताया कि उनकी पत्नी सोनम कुमारी पटना से बीएड कर रही है. कोई काम छोटा नहीं होता वे इसी आधार पर चल रहे हैं. सूरज ने बताया कि भाई मनीष के लिए उन्होंने स्टॉल खोला है. उनकी अभी 5 दिनों की छुट्टी है तो वे खुद स्टॉल चला रहे हैं. जब ड्यूटी होगी तो उनका छोटा भाई स्टॉल चलाएगा. तब तक वो सभी काम सीख जाएगा. सूरज ने कहा कि हमें सैनिकों से बहुत प्यार है इसलिए अपना लुक भी हम सैनिकों की तरह रखते हैं.</p>
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