Parliamentary Board Will Decide Who Will Be The Chief Minister Of MP After Winning The Elections: Ravi Shankar Prasad – चुनाव जीतने के बाद MP का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला संसदीय बोर्ड करेगा : रविशंकर प्रसाद
ग्वालिय: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी का संसदीय बोर्ड इस बात पर फैसला करेगा कि 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. सत्तारूढ़ भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों – नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित सात लोकसभा सदस्यों को मैदान में उतारने का कदम उठाया है. इससे संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा ने विकल्प खुले रखे हैं.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह पार्टी की परंपरा है कि संसदीय बोर्ड निर्णय लेता है…और सरकार बनने पर विधायकों की राय ली जाएगी. एक योग्य व्यक्ति मुख्यमंत्री बनेगा.’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि अगर भाजपा मध्य प्रदेश में फिर सत्ता में आती है तो प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन हो सकता है.
इस साल अगस्त में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब पूछा गया था कि अगर चुनाव के बाद भाजपा सत्ता बरकरार रखती है तो क्या मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया था. शाह ने कहा था, ‘‘ आप (मीडिया) पार्टी का काम क्यों कर रहे हैं? हमारी पार्टी अपना काम करेगी. शिवराज जी मुख्यमंत्री हैं और हम चुनाव में हैं…(प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और शिवराज जी के विकास कार्यों को जनता तक ले जाएं.’
विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा कि जब हमास के आतंकवादियों ने इजराइल पर हमला किया तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी निंदा की, लेकिन साथ ही भारत ने फलस्तीन में जरूरतमंद लोगों की मदद की. उन्होंने कहा ‘‘ लेकिन कांग्रेस का रुख वही है जो केरल में मुस्लिम लीग का था. हमास के एक नेता ने केरल में एक रैली को संबोधित किया लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.”
उन्होंने सवाल किया कि जब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के घटकों ने सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया कहा तो क्या कांग्रेस ने विरोध किया था. भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि एक तरफ कांग्रेस सनातन धर्म का अपमान होने पर चुप्पी साध लेती है, वहीं दूसरी तरफ वोट के लिए हमास से जुड़ने की कोशिश करती है. मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को चुनाव होंगे.