Parliament Security Breach Missing PM Pamphlets Found From Intruders Says Delhi Police To Court – PM लापता के पर्चे, लखनऊ के जूते… : संसद में हंगामा करने वाले आरोपियों के बारे में पुलिस ने कोर्ट को बताया
नई दिल्ली:
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने (Parliament Security Breach) के मामले में पुलिस और कमिटी की जांच तेज हो गई है. चारों आरोपियों को कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. वहीं, इस मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने सरेंडर कर दिया है. गुरुवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. दिल्ली पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मिली. पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इन आरोपियों के पास से पीएम नरेंद्र मोदी के नाम के पैंपलेट मिले थे. एक पैंपलेट में इन लोगों ने पीएम को लापता बताया था.
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आरोपियों की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दो लोगों के पास पर्चे थे, जो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहते थे. इनके पास से लखनऊ के जूते भी मिले हैं. पुलिस ने दावा कि इन्होंने पर्चे में पीएम को लापता बताया था. पुलिस का यह भी दावा है कि आरोपियों ने पीएम की प्रासंगिक जानकारी के लिए स्विस बैंक से कैश प्राइज की पेशकश की थी.
मास्टरमाइंड ललित झा का सरेंडर
गुरुवार देर रात इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने कर्तव्य पथ पुलिस थाने जाकर सरेंडर किया. यहां से उसे स्पेशल सेल के हवाले कर दिया गया है.
विक्की शर्मा के घर पर रुके थे सभी आरोपी
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे दिल्ली जाने से पहले गुरुग्राम में विक्की शर्मा के घर सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रुके थे. इनके साथ ललित झा भी था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन सभी की एक-दूसरे से मुलाकात ऑनलाइन साइट पर हुई थी. सभी ने मिलकर संसद में हंगामे की योजना बनाई.
आरोपियों पर लगाया गया UAPA
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि आरोपियों के इरादे अब तक स्पष्ट नहीं हैं. वहीं, स्मोक कनिस्तर खोलने वाले चारों आरोपियों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि वे बेरोजगारी और मणिपुर में जातीय हिंसा जैसे मुद्दों पर संसद और लोगों का ध्यान लाना चाह रहे थे. वो चाहते थे कि संसद में इन मुद्दों पर बहस हो. इस मामले में सभी आरोपी कड़े आतंकवाद विरोधी कानून UAPA और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मुकदमों का सामना कर रहे हैं.