Parents Are Dependent On Me… Bilkis Bano Case Convicts Tell Supreme Court – माता-पिता मुझ पर आश्रित हैं…, बिलकिस बानो मामले के दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
बिलकिस बानो मामले के दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिर कर मांग की है कि उनके आत्म समर्पण करने के समय को बढ़ा दिया जाए. जिन दोषियों ने कोर्ट से यह गुहार लगाई है उनमें शामिल हैं गोविंदभाई नाई, रमेश रूपाभाई चांदना और मितेश चिमनलाल भट.सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में गोविंदभाई नाई ने बीमारी का हवाला देते हुए आत्मसमपर्पण का समय चार हफ्ते बढ़ाए जाने की मांग की है.
“मेरी खुद की तबीयत भी सही नहीं है”
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गोविंदभाई नाई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्जी में कहा है कि मेरे पिता 88 साल के हैं और वह बीमार भी हैं. उनकी हालत ऐसी है कि वह बिस्तर से उठ भी नहीं सकते हैं. और किसी भी काम के लिए मुझपर ही निर्भर हैं. ऐसे में अपने पिता की देखभाल करने वाला मैं अकेला हूं. साथ ही मैं खुद भी बुजुर्ग हो चुका हूं. मैं अस्थमा से पीड़ित हूं. हाल ही में मेरा ऑपरेशन भी हुआ है और उसे एंजियोग्राफी से गुजरना पड़ा है.मुझे पाइल्स के इलाज के लिए अभी एक और ऑपरेशन कराना है.मेरी मां की उम्र 75 साल है और उनका स्वास्थ्य भी खराब है.
“मैंने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया”
नाई ने आगे यह भी कहा कि वह 2 बच्चों का पिता भी हैं. जो अपनी वित्तीय और अन्य जरूरतों के लिए पूरी तरह से उन पर निर्भर हैं. नाई ने अपनी याचिका में कहा है कि रिहाई की अवधि के दौरान, मैंने किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया और छूट के आदेश की शर्तों का अक्षरश: पालन किया है. वहीं, रमेश रूपाभाई चांदना ने बेटे की शादी का हवाला देते हुए जबकि मितेश चिमनलाल भट ने फसल के सीजन का हवाला देते हुए उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए 6 हफ्ते और दिए जाने की मांग की है
सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को सुनाया था आदेश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को फैसला देते हुए बिलकिस बानो से सामूहिक रेप और उसके परिजनों की हत्या के मामले में समय से पहले बरी किए गए 11 दोषियों को दी गई रिहाई को रद्द के फैसले को रद्द कर दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को दो हफ्ते मे जेल में आत्मसमर्पण करने के लिए आदेश जारी किया था.