News

Pakistan Foreign Minister Khurshid Mahmood Kasuri recalls india generosity we cheated kargil war 


पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भारत की दरियादिली को याद करते हुए कहा कि हमने धोखा दिया, कारगिल युद्ध भी शुरू किया, लेकिन पड़ोसी देश ने हमें फिर भी गले लगाया. कसूरी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते मौजूदा वक्त में युद्ध के समय को छोड़कर सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दोनों देशों के बीच अचानक सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं. 

इंस्टीट्यूट ऑफ पीस एंड कनेक्टिविटी (IPAC) की ओर से लाहौर में ‘पाकिस्तान-भारत संबंध: वर्तमान स्थिति और आगे की राह’ विषय पर बोलते हुए खुर्शीद महमूद कसूरी ने कहा कि  आपसी बातचीत ही दोनों देश लंबित मुद्दों को सुलझा सकते हैं. बातचीत ही इसका एकमात्र जरिया है. 

कारगिल युद्ध के बाद भी शुरू हुई थी बातचीत: महमूद कसूरी 

उन्होंने कहा कि अगर युद्ध के समय को छोड़ दिया जाए तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. कारगिल युद्ध के बाद भी नई दिल्ली और इस्लामाबाद शांति प्रक्रिया बहाल करने के लिए जल्दी ही बातचीत के लिए तैयार हो गए थे. कसूरी ने कहा, अगर दोनों देश आपसी विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का मौका चूक जाते हैं तो यह दुख की बात होगी क्योंकि उनके पास कश्मीर मुद्दे के संभावित समाधान के लिए चार सूत्रीय फॉर्मूले के रूप में पहले से ही एक सहमत खाका मौजूद है.

पाकिस्तान के साथ शांति चाहती है भारत की जनता: पाक पूर्व विदेश मंत्री 

बता दें कि खुर्शीद महमूद कसूरी साल 2002 से 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे. इस दौरान वह पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की ओर से भारतीय नेतृत्व को कथित तौर पर सुझाए गए ‘समाधान’ का जिक्र कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने भारत के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह की ओर से की गई पहल को लेकर कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकारों ने शांति प्रक्रिया पर काम किया. खुर्शीद कसूरी ने कहा कि मुझे यकीन है कि इस निराशाजनक स्थिति के बाद भी भारत की अधिकांश जनता पाकिस्तान के साथ शांति चाहती है. 

कारगिल युद्ध कराया, फिर भी भारत ने स्वागत किया: कसूरी

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर कहा कि चुनौतियों और मौजूदा टकराव के बावजूद अनुभव ने उन्हें सिखाया है कि पाकिस्तान-भारत संबंधों में अचानक सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं. उन्होंने याद दिलाया कि कारगिल युद्ध के सूत्रधार कहलाने वाले परवेज मुशर्रफ का दिल्ली में गर्मजोशी से स्वागत किया था. उन्होंने पीएम मोदी के 2015 के लाहौर दौरे को लेकर कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात करके सबको चौंका दिया था.

‘2021 में पाक दौरे पर जाने वाले थे पीएम मोदी’

कसूरी ने दावा किया कि ऐसी विश्वसनीय खबरें थीं कि पीएम मोदी अप्रैल 2021 में पाकिस्तान की यात्रा करेंगे. हिंगलाज माता मंदिर में दर्शन और बाद में शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उनके तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने के लिए इस्लामाबाद जाने की संभावना थी. हालांकि उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं. 

यह भी पढ़ें- भारत के ‘बेस्टफ्रेंड’ रूस के साथ बढ़ी पाकिस्तान की नजदीकियां, साथ में किया नौसैनिक युद्धाभ्यास, क्या भारत को डराने की है कोशिश



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *