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Pahalgam Terror Attack Decisions Taken At Cabinet Committee On Security Meet Know Details


CCS Meeting Details: भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर 23 अप्रैल, 2025 को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में भारी कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए. 

पहलगाम में नृशंस हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया साथ ही सुरक्षा बलों को ‘‘उच्च सतर्कता’’ बनाए रखने का निर्देश दिया गया. 

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने क्या बताया?

सीसीएस की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवाददाताओं को फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक मई तक राजनयिक संबंधों में और कटौती के जरिए पाकिस्तानी और भारतीय उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी. मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है. 

मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमले के सीमापार संबंधों को सीसीएस को दी गई जानकारी में उजागर किया गया, जिसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया गया. नई जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों पक्षों के बीच मौजूद कुछ कूटनीतिक तंत्रों को बंद कर दिया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध एक और नए निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि सीसीएस ने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. 

पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए 5 जवाबी कदम

विदेश सचिव ने पांच जवाबी कदमों की घोषणा करते हुए कहा कि ‘‘पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है’’ साथ ही उनसे एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. 

उन्होंने कहा कि भारत भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. मिस्री ने कहा, ‘‘संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे. दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा.’’

मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा.

सीसीएस की बैठक ढाई घंटे तक चली और इसमें अटारी एकीकृत जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया गया. यह दोनों देशों के बीच एकमात्र चालू पारगमन सीमा है. अटारी में एकीकृत सीमा चौकी को बंद करने के बारे में मिस्री ने कहा कि जो लोग वैध प्रमाण-पत्र के साथ सीमा पार गए हैं, वे एक मई से पहले उस मार्ग से लौट सकते हैं.

मिस्री ने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय रूप से बंद नहीं कर देता. 

उन्होंने बताया कि सीसीएस को पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे. मिस्री ने कहा, ‘‘कई लोग घायल हुए हैं. सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.’’

दुनियाभर के देशों से मिल रहा भारत को समर्थन

मिस्री ने कहा कि दुनिया भर की कई सरकारों ने अपना समर्थन और एकजुटता दिखायी है और उन्होंने स्पष्ट रूप से इस आतंकवादी हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा, ‘‘सीसीएस ने ऐसी भावनाओं की सराहना की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता दर्शाती है।’’

विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस को दी गई जानकारी में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया. उन्होंने कहा कि इस बात को रेखांकित किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘तहव्वुर राणा के हालिया प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में लगातार डटा रहेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं या इसकी साजिश रची है.’’

सीसीएस की मीटिंग से कुछ देर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं इस मंच से देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस घटना के मद्देनजर भारत सरकार हर वह कदम उठाएगी जो आवश्यक और उचित होगा.’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत इतनी पुरानी सभ्यता और इतना बड़ा देश है कि वह किसी भी आतंकवादी गतिविधि से भयभीत नहीं हो सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को निकट भविष्य में मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.’’ 

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