Padma Award 2025 to Ram Mandir Movement Faces Sadhvi Ritambhara Chandrakant Sompura Pandit Ganeshwar Shastri Dravid Kishore Kunal
Padma Shri Award: गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर केन्द्र की मोदी सरकार ने साल 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया. कुल 125 विभूतियों को पद्म अवार्ड से सम्मानित करने का ऐलान हुआ है. जिसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं. इन पद्म पुरस्कार में कुछ नाम ऐसे भी हैं, जो राम मंदिर आंदोलन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभ मुहूर्त निकालने में शामिल थे. आज हम आपको बताएंगे, उन 4 बड़े चेहरों के बारे में जो राम मंदिर से जुड़े रहे और जिन्हें पद्म पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा.
सबसे पहले बात करते साध्वी ऋतंभरा की, जो राम मंदिर आंदोलन का सबसे प्रमुख चेहरा रही हैं. सामाजिक कार्यों के लिए साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. साध्वी ऋतंभरा ने अपने जीवन का एक बड़ा राम मंदिर आंदोलन को सफल बनाने में लगा दिया था. साध्वी ऋतंभरा उन संतों में से सबसे प्रमुख हैं, जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष किया.
साध्वी ऋतंभरा देश के जनमानस को राम मंदिर आंदोलन के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है. आपको वो तस्वीरें भी याद होंगी, जब रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो साध्वी ऋतंभरा की आंखों में खुशी के आँसू थे. मानो उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना उनकी आँखों के आगे पूरा हो रहा है. इसके इतर भी साध्वी ऋतंभरा समाज के अंतिम तबके के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार सामाजिक कार्यों में जुटी रहती हैं.
राम मंदिर मॉडल की कहानी
राम मंदिर का आंदोलन साल 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने शुरू किया. जब 9 नवंबर, 1989 को कामेश्वर चौपाल के हाथों राम मंदिर का शिला पूजन किया गया तो स्वर्गीय अशोक सिंघल ने राम मंदिर एक मॉडल बनाने का फैसला किया. राम मंदिर का सबसे पहला मॉडल आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया. जो मॉडल चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया, उसे साधु संतों की बैठक में स्वीकार कर लिया गया था.
आज भी जो राम मंदिर बनकर तैयार है, वो उसी पुराने मॉडल पर बना है, जो चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था. ग्राउंड फ्लोर समेत 2 मंज़िला राम मंदिर का पूरा मॉडस सोमपुरा परिवार ने बनाकर तैयार किया. ना सिर्फ राम मंदिर का मॉडल बनाया बल्कि गुजरात से उन कारीगरों को अयोध्या भी भेजा, जो उस मॉडल के अनुरूप पत्थरों को तराश सकें. यह काम 1990 में शुरू हुआ था और साल 2024 तक लगातार चलता रहा. चंद्रकांत सोमपुरा को केन्द्र सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार देने का ऐलान किया है. चंद्रकांत सोमपुरा को आर्किटेक्चर क्षेत्र में यह सम्मान दिया जा रहा है.
राम मंदिर का मुहूर्त निकालने वाले का भी सम्मान
अब बात करते हैं पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की. काशी के वो महान संत जिन्होंने राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहुर्त निकाला. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री अवार्ड देने का ऐलान किया गया है. पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ काशी के विद्वान संतों में से एक हैं. ग्रह, नक्षत्र और ज्योतिष के बड़े जानकार हैं.
गणेश्वर शास्त्री ने साल 2020 में राम मंदिर के भूमि पूजन, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ 22 जनवरी, 2024 को राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहुर्त निकाला है. गणश्वेर शास्त्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के नामांकन का शुभ समय भी तय किया था और पीएम मोदी के प्रस्तावक भी बने थे. साहित्य और शिक्षा को बढ़ावा देने गणेश्वर शास्त्री की सबसे बड़ी पहचान है.
राम मंदिर के पक्षकार
अब बात करते हैं रामभक्त किशोर कुणाल की, जिन्हें केन्द्र सरकार ने मरणोपरांत पद्म श्री पुरस्कार दिया है. पूर्व आईपीएस अधिकारी होने के नाते सिविल क्षेत्र में अवॉर्ड दिया जाएगा. किशोर कुणाल राम मंदिर के पक्षकारों में से एक थे और राम मंदिर निर्माण में मदद के लिए हर मोर्चे पर खड़े रहते थे. आमाव राम मंदिर ट्र्स्ट के सचिव भी रहे हैं और अयोध्या के सही इतिहास को जनता तक पहुंचाने का बीड़ा भी उठाया था.
आपको बता दें कि एक लंबे संघर्ष के बाद 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था. जिसके बाद फरवरी, 2020 प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने संसद से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के गठन किया. 5 अगस्त, 2020 को पीएम मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया और रिकॉर्ड समय में राम मंदिर बनकर तैयार हुआ. 22 जनवरी, 2024 को पीएम मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई.
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