Opposition India Delegation Returned Manipur Congress Adhir Ranjan Chaudhary Explain The Current Situation – खौफ में लोग, हजारों हुए बेघर : मणिपुर दौरे से वापस लौटकर अधीर रंजन चौधरी ने बताया कैसे हैं हालात?
जातीय हिंसा से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur issue) में 3 मई से हालात खराब हैं. 29 जुलाई को विपक्षी गठबंधन INDIA का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के दो दिवसीय दौर पर गया था. प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर के इंफाल, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग और चुराचांदपुर का दौरा किया और यहां राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बात की. सोमवार को नेताओं ने विपक्षी गठबंधन INDIA के घटक दलों के संसद के दोनों सदन के नेताओं को हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति से अवगत कराया. NDTV ने इस दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी से खास बातचीत की. अधीर रंजन ने कहा किहा, ‘तीन महीनों में मणिपुर में न तो सरकार है, न कानून और न ही कोई व्यवस्था है. केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए.’
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मणिपुर गए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मणिपुर में हालत बहुत खराब है. वहां न सरकार है, न कानून है न कोई व्यवस्था है. कोई राहत का काम नहीं हो रहा. हजारों की संख्या में हथियार लूटे गए हैं. लाखों की तादाद में बुलेट लूटा गया है. लोग डर हुए हैं, सहमें हुए हैं.”
बता दें कि संसद भवन के एक कक्ष में विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. इसमें कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के नेता टीआर बालू, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे.
अधीर रंजन चौधरी ने उठाए ये सवाल?
मणिपुर में हिंसाप्रभावित लोगों की मदद को लेकर पूछे गए सवाल पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “सरकार आखिर क्या कोशिश कर रही है? पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग मैदानी इलाकों में नहीं जा सकते. मैदानी इलाकों में रहने वाले पहाड़ी इलाकों में नहीं जा सकते हैं. हजारों की तादाद में लोगों के घर जला दिए गए हैं. वो विस्थापित होकर कैंप में रहते हैं. करीब 60000 लोग 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. 100 से ज्यादा रेप की घटनाएं हुई हैं. ऐसी कितनी घटनाएं हुई हैं, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है.
विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार पर लगाया आरोप
प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि अगर मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी जातीय संघर्ष की समस्या को जल्द हल नहीं किया गया, तो देश के लिए सुरक्षा समस्याएं पैदा हो सकती हैं. प्रतिनिधिमंडल का यह भी आरोप है कि मणिपुर में अनिश्चितता और भय व्याप्त है, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें वहां की स्थिति से निपटने के लिए कोई मजबूत कदम नहीं उठा रही हैं.
बीजेपी नेताओं के बयान पर जताई आपत्ति
अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर मुद्दे पर बीजेपी नेताओं के बयान को लेकर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि हम लोग तो सांसदों का प्रतिनिधिमंडल लेकर मणिपुर गए थे. प्रधानमंत्री भी अपने घटक दलों के सांसदों को लेकर जाएं और फिर आकर हम से टक्कर लें. इसीलिए तो हम लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है. चौधरी ने पहले अविश्वास पत्र पर चर्चा होने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब अविश्वास प्रस्ताव लंबित है, तो सबसे पहले चर्चा उस पर होनी चाहिए. दिल्ली वाले बिल पर भी चर्चा हो जाएगी, लेकिन पहले अविश्वास प्रस्ताव पर हो.
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