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Only 80 temples Destroyed During Mughal rule Said Asaduddin Owaisi 


Asaduddin Owaisi Claim on Hindu Temples: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (1 मार्च, 2025) को दावा किया कि अमेरिकी इतिहासकार रिचर्ड एम ईटन ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि भारत में मुस्लिम शासन के दौरान केवल 80 मंदिर ही तोड़े गए थे.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवैसी ने कहा, “वे हर जगह मीडिया में कहते हैं कि 400 साल पहले मंदिरों को ध्वस्त किया गया था. रिचर्ड एम ईटन (अमेरिकी इतिहासकार) ने अपनी पुस्तक ‘टेम्पल डिसेक्रेशन एंड द मुस्लिम स्टेट्स इन मीडिवल इंडिया’ में लिखा है कि 11वीं शताब्दी से लेकर 1600 तक मुस्लिम शासन के दौरान – 80 मंदिर नष्ट किए गए थे.” उन्होंने दावा किया कि शुंग साम्राज्य के संस्थापक पुष्यमित्र शुंग ने बौद्धों के हजारों पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया था.

हजारों बौद्ध पूजा स्थलों को ध्वस्त करने की भी बात कही

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “पुष्यमित्र शुंग ने हजारों बौद्ध पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया. क्या आप उस पर कोई फिल्म बनाएंगे? पल्लव सम्राट नरसिंहवर्मन प्रथम ने 1640 ई. में चालुक्य की राजधानी वातापी में गणेश की मूर्ति चुराई थी. ह्वेन त्सांग ने लिखा है कि शशांक ने बोधि वृक्ष को कटवाया था.” ओवैसी ने कहा कि मुगलों ने केवल अपने शासन का विस्तार करने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया. 10वीं शताब्दी में राजा इंद्र ने कालप्रिय मंदिर को ध्वस्त कर दिया था. वे मुझसे बोलने के लिए कहते हैं कि मेरा मुगलों से क्या लेना-देना है? वे सम्राट थे. सम्राटों का कोई धर्म नहीं होता. वे अपने शासन का विस्तार करने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं.” 

भाजपा और पीएम मोदी पर साधा निशाना

ओवैसी ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि अगर उन्हें छत्रपति संभाजी महाराज से लगाव है तो उन्हें मराठा आरक्षण की घोषणा करनी चाहिए. वह बोले, “अगर नरेंद्र मोदी और भाजपा को छत्रपति संभाजी महाराज से इतना लगाव है तो मराठों के लिए आरक्षण प्रदान करें. आप ऐसा क्यों नहीं करते?”

योगी आदित्यनाथ पर भी ओवैसी ने किया कटाक्ष 

असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी उर्दू भाषा पर उनकी हालिया टिप्पणी को लेकर तीखा कटाक्ष किया और कहा, “यह स्पष्ट है कि यूपी के सीएम को उर्दू नहीं आती, लेकिन केवल वही जवाब दे सकते हैं कि वे वैज्ञानिक क्यों नहीं बने. यूपी के सीएम जिस विचारधारा से आते हैं, उस विचारधारा से किसी ने भी इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया. वे गोरखपुर से आते हैं. रघुपति सहाय फिराक भी उसी गोरखपुर से आते हैं. वे एक प्रसिद्ध उर्दू कवि थे, लेकिन वे मुसलमान नहीं थे. यह (टिप्पणी) उनकी बौद्धिक क्षमता है.”

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