One Nation One Election Bill Approved by Union Cabinet Sparks Political Debate ANN
One Nation One Election Bill Approved: केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल को गुरुवार (12 दिसंबर 2024) को मंजूरी दे दी है, जो अब तक के सबसे चर्चित कानूनों में से एक है. सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बिल को संसद में इसी सत्र में पेश कर सकती है. अगर जरूरत पड़ी तो इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में भेजा जा सकता है. हालांकि, कैबिनेट के इस फैसले के बाद राजनीति गरम हो गई है. विपक्ष ने इसे पूरी तरह से नकारते हुए इसे ‘फेडरल स्ट्रक्चर’ के खिलाफ बताया है और कहा है कि वे इसे मानने को तैयार नहीं हैं.
भारत में ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए मोदी सरकार ने गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बिल को मंजूरी दे दी है. इससे पहले सितंबर महीने में कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी उच्चस्तरीय कमेटी के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी थी. प्रस्तावित कानून के अनुसार, इसे दो चरणों में लागू करने की तैयारी की जा रही है. पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे, और इसके 100 दिन के भीतर दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव कराने की योजना है. सरकार की योजना के अनुसार, 2029 में एक देश, एक चुनाव को हकीकत बनाने की तैयारी है.
चरणबद्ध तरीके से चुनावों का आयोजन
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस साल मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को अपनी सिफारिशें सौंप दी थीं. पहले चरण के चुनावों के लिए राज्यों का समर्थन आवश्यक नहीं होगा. लोकसभा और राज्य विधानमंडलों के चुनाव एक साथ कराने के लिए राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों की अवधि) में संशोधन कर अनुच्छेद 82 क को लागू करने के लिए एक संविधान संशोधन बिल लाया जाएगा. इसके लिए राज्यों के समर्थन की आवश्यकता नहीं है.
राज्य विधानसभाओं के चुनावों का समय
वहीं दूसरे चरण के लिए राज्यों की सहमति जरूरी होगी. अगर कोई राज्य विधानसभा अपने कार्यकाल से पहले भंग हो जाती है, तो उसका चुनाव मध्यावधि चुनाव माना जाएगा, जबकि पांच साल की अवधि पूरी होने पर होने वाला चुनाव आम चुनाव माना जाएगा.
गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में 2027 तक विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों में चुनाव के बाद अगले कार्यकाल का समय 2029 तक बढ़ाया जा सकता है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों का कार्यकाल 2028 तक है, जिन्हें 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जा सकता है.
नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव में संविधान संशोधन की आवश्यकता
पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनाव को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव के 100 दिन के भीतर कराने के लिए एक और संविधान संशोधन विधेयक लाया जाएगा. इसमें अनुच्छेद 324 क को सम्मिलित किया जाएगा और संविधान के अनुच्छेद 325 में संशोधन किया जाएगा.
इस विधेयक को राज्यों में भी पारित कराया जाएगा. मतदाता सूची तैयार करने के लिए राज्यों की सहमति आवश्यक होगी, जिससे देशभर में एक साझा मतदाता सूची बनाई जा सकेगी. इसके लिए कम से कम आधे राज्यों का समर्थन आवश्यक होगा.
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