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Odisha Train Accident 5 Railway Employees Including Station Master Under Investigation – ओडिशा ट्रेन हादसा: स्टेशन मास्टर समेत 5 रेलवे कर्मचारी जांच के दायरे में


ओडिशा ट्रेन हादसा: स्टेशन मास्टर समेत 5 रेलवे कर्मचारी जांच के दायरे में

इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से अधिक यात्री घायल हुए थे.

नई दिल्ली:

ओडिशा के बालासोर जिले में हुए भीषण रेल हादसे के मामले में बाहानगा बाजार के स्टेशन मास्टर समेत पांच रेलवे कर्मचारी जांच के दायरे में हैं. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से अधिक यात्री घायल हुए थे. उन्होंने कहा कि चार अन्य कर्मचारी सिग्नल से संबंधित काम करते हैं और इस महीने की शुरुआत में दुर्घटना के समय ड्यूटी पर थे.

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सूत्रों ने कहा कि पांचों कर्मचारी वर्तमान में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं और भविष्य की कोई भी कार्रवाई रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की दुर्घटना जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) दो जून को बाहानगा बाजार स्टेशन पर कथित आपराधिक लापरवाही के कारण हुई दुर्घटना की अलग से जांच कर रहा है.

रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इंटरलॉकिंग प्रणाली से संभावित छेड़छाड़ का संकेत दिया है, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए सिग्नल हरा हो गया और यह लूप लाइन की ओर निर्देशित हो गई, जहां यह एक खड़ी हुई मालगाड़ी से टकरा गई.

स्वचालित इंटरलॉकिंग प्रणाली में गड़बड़ी को इस घटना की बड़ी वजह के तौर पर देखा जा रहा है. नाम उजागर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल पांच रेलकर्मी जांच के केंद्र में हैं। सीआरएस से जल्द ही अंतिम रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है.’

सूत्रों ने कहा कि तीन संभावित परिदृश्यों की जांच की जा रही है – क्या प्रणाली से छेड़छाड़ जानबूझकर की गई थी या यह गलती से हुआ या फिर यह क्षेत्र में चल रहे रखरखाव के काम का परिणाम था. दुर्घटना को लेकर विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना के बीच दो रेल कर्मचारी संघ रेलवे के समर्थन में सामने आए हैं.

संयुक्त बयान में, ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (एआईआरएफ) और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआईआर) के महासचिवों ने कहा कि वे रेल हादसे का राजनीतिकरण किए जाने से व्यथित हैं.

इसमें कहा गया, ‘हम यह देखकर बहुत दुखी हैं कि कैसे इस रेल हादसे का राजनीतिकरण किया गया और रेलवे के प्रदर्शन पर सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में हमले किए जा रहे हैं. इस तरह का प्रत्येक हमला हमारी ईमानदारी और कर्तव्य के प्रति समर्पण का निरादर है.’

 



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