OBC से लेकर आरक्षण और देवानंद से लेकर किशोर कुमार तक, राज्यसभा में PM मोदी ने कांग्रेस को यूं घेरा
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PM Modi Speech In Rajya Sabha: बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने जमकर मोदी सरकार को घेरा. तरह-तरह से बजट की आलोचना की. बृहस्पतिवार को पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देने आए तो जमकर कांग्रेस को सुनाया. OBC से लेकर आरक्षण तक कांग्रेस को जमकर घेरा. बलराज साहनी , देवानंद से लेकर किशोर कुमार के साथ हुई ज्यादतियों को याद दिलाया. इसके साथ ही कांग्रेस की रीति-नीति को लेकर भी पीएम मोदी ने करारे वार किए. लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी आज पीएम मोदी पूरी तरह से अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आए. उन्होंने भाषण की शुरूआत सबका साथ, सबका विकास के अपने शासन के मूल-मंत्र को बताते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया. पीएम ने कहा, “सबका साथ, सबका विकास इस पर बहुत कुछ कहा गया. मैं समझ नहीं पाता हूं कि इसमे कठिनाई क्या है. सबका साथ, सबका विकास यह तो हम सबका दायित्व है. इसीलिए तो देश ने हम सबको यहां बैठने के अवसर दिया है.”
पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें
“जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ, सबका विकास की अपेक्षा करना मैं समझता हूं, बहुत बड़ी गलती हो जाएगी. यह उनकी सोच और समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी यह सूट नहीं करता है, क्योंकि इतना बड़ा दल परिवार को समर्पित हो गया है. उसके लिए सबका साथ, सबका विश्वास संभव ही नहीं है.”
“कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार कर लिया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण सबका घालमेल था. जहां सबका घालमेल हो, वहां सबका साथ हो ही नहीं सकता. कांग्रेस के मॉडल में सबसे आगे फैमिली फर्स्ट है, इसलिए उनकी नीति, रीति और उनकी वाणी, इस एक चीज को संभालने में खपता रहा है.”
“2014 के बाद देश ने हमें सेवा करने का अवसर दिया. मैं देश की जनता का आभारी हूं कि हमें तीसरी बार लगातार, तीसरी बार देश यहां पहुंचाती है.”
“पहले के मॉडल में खासकर कांग्रेस के कालखंड में तुष्टीकरण हर चीज में होता था. यही उनके लिए एक प्रकार से राजनीति की औषधि बन गई थी. स्वार्थनीति, राजनीति, देशनीति सबका एक घोटाला करके रखा था. तरीका यह होता था कि छोटे तबके को कुछ दे देना और बाकियों को तरसा कर रखना. जब चुनाव आए, तब यह कहना कि देखो उनको मिला है, आपको भी मिल जाएगा. इस प्रकार से झुनझुना बांटा जाता था. चुनाव के समय वोट की खेती होते रहे, यही काम चलता रहता था.”
“किसी को दिया, किसी को नहीं दिया, किसी को लटकाकर रखा. उसको हमेशा प्रताड़ित करके रखना. उसको निराशा के गर्त में धकेल देना, कांग्रेस की इस नीति से बाहर आकर हमने काम किया है. हमने सबका साथ, सबका विकास की भावना को जमीन पर उतारा है.”
जातिवाद पर पीएम मोदी
“आज जातिवाद का जहर फैलाने के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है, लेकिन तीन-तीन दशक तक दोनों सदन के ओबीसी एमपी और सभी दलों के ओबीसी एमपी, सरकारों से मांग करते रहे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन ठुकरा दिया गया. इनकार किया गया, क्योंकि शायद उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता होगा. क्योंकि तुष्टीकरण और फैमिली फर्स्ट की राजनीति में वह बैठेगा, तब तक वो चर्चा तक में भी नहीं आता है.”
“मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि हम सबने मिलकर तीन तीन दशक से मेरे ओबीसी समाज ने जिस बात के लिए आशाएं रखीं, जिसे निराश करके रखा गया था, हमने आकर इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है. हमने सिर्फ उनकी मांग पूरी की, इतना ही नहीं है, हमारे लिए उनका मान सम्मान भी इतना महत्वपूर्ण है. हम जनता जनार्दन को पूजने वाले देश हैं.”
आरक्षण पर पीएम मोदी
“हमारे देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया तो, उसको स्वस्थ तरीके से करने का काम कभी नहीं हुआ. एक दूसरे के खिलाफ दुश्मनी और तनाव पैदा करने के प्रयास हुए. पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और सबका साथ सबका विकास के मंत्र की प्रेरणा से दिया कि सामान्य वर्ग के गरीब को 10 पर्सेंट आरक्षण दिया, बिना किसी का छीनकर और बिना तनाव के. एससी,एसटी और ओबीसी समुदाय ने इसका स्वागत किया.”
बाबा साहेब और कांग्रेस पर
“बाबा साहेब आंबेडकर से कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी, उनके प्रति कितना गुस्सा था, और किसी भी हालत में बाबा साहेब की हर बात के प्रति कांग्रेस चिढ़ जाती थी. इसके दस्तावेज मौजूद हैं. बाबा साहेब को चुनाव में हराने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया. कभी भी बाबा साहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया. इतना ही नहीं, इस देश के लोगों ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया. सर्वसमाज का आदर किया, तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है. उनका मुंह सूख जाता है. यह कांग्रेस भी रंग बदलने में बड़ी माहिर लग रही है. इतनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं, यह साफ साफ नजर आ रहा है.”
“कांग्रेस ने दूसरों की लकीर छोटा करने का जो रास्ता चुना है, लोकसभा चुनाव के बाद भी, जो उनके साथ थे, वह भाग रहे हैं. देश की सबसे पुरानी पार्टी की इतनी दुर्दशा. यह दूसरों की लकीर छोटी करने में शक्ति खपा रहे हैं. अगर वो खुद की लकीर लंबी करते तो उनकी यह दशा नहीं होती.”
“दलितों, आदिवासी भाई बहनों, वंचितों के साथ जो अन्याय हो रहा है, इसका एक उपाय है, देश में औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जाए. बाबा साहेब आंबेडकर औद्योगिकीकरण के पक्षधर थे. आर्थिक आत्मनिर्भरता से दलित, आदिवासी समूह को एक अवसर मिलेगा. इसे वह उत्थान का सबसे बड़ा हथियार मानते थे. कांग्रेस ने बाबा साहेब के विचारों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. एससी एसटी की लाचारी बाबा साहेब खत्म करने चाहते थे. कांग्रेस ने इसके उलट काम किया. 2014 में हमारी सरकार ने इस सोच को बदला.”
‘जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है’ राज्यसभा में बोले पीएम मोदी #PMModi |#RajyaSabha pic.twitter.com/3PUUQLf9i9
— NDTV India (@ndtvindia) February 6, 2025
“हर कारीगर का सशक्तिकरण और हर समुदाय का सशक्तिकरण बाबा साहेब का सपना था, उसको पूरा करने का काम मुद्रा योजना के माध्यम से हमने किया है. जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी पूजता है.”
लता मंगेशकर के भाई का किस्सा
“देश की पहली सरकार थी. नेहरू जी प्रधानमंत्री थे और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई थी. उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी जी ने एक गीत गाया था. इस पर नेहरू जी ने उन्हें जेल में ठूंस दिया था. मशहूर ऐक्टर बलराज साहनी जी सिर्फ एक जुलूस में शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. लता मंगेशकर के भाई ह्लदयनाथ मंगेशकर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर प्रसारित करने की योजना बनाई, इतना करने पर उन्हें आकाशवाणी से निकाल दिया गया. देश ने इमर्जेंसी का भी दौर देखा है.”
बलराज साहनी वाला किस्सा
“देश की पहली सरकार थी. नेहरू जी प्रधानमंत्री थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल नहीं थी. उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी जी ने एक गीत गाया था. कॉमवेल्थ का दास है कविता गाई थी, इस पर नेहरू जी ने उन्हें जेल में ठूंस दिया था. महशहूर ऐक्टर बलराज साहनी जी सिर्फ एक जुलूस में शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें जेल में बंद क दिया गया. लता मंगेशकर के भाई ह्लदयनात मंगेशकर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर प्रसारित करने की योजना बनाई, इतना करने पर उन्हें निकाल दिया गया.”
देवानंद के साथ क्या हुआ था
“देश ने इमर्जेंसी का भी दौर देखा है. देवानंद जी से आग्रह किया गया कि वह इमर्जेंसी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने साफ-साफ इनकार कर दिया. इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद जी की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया. ये संविधान की बातें करने वाले लोगों ने सालों से उसे अपनी जेब में रखा है. किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया, इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर उनके गानों को बैन कर दिया गया.”
जॉर्ज फर्नांडीस को जंजीरों में बांधा
“आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडीस समेत देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं, जंजीरें पहनाई गई थीं. देश के गणमान्य लोगों को जंजीरों से बांधा गया था. उनके मुंह में संविधान शब्द शोभा नहीं देता है. शाही परिवार के अहंकार के लिए इस देश को जेलखाना बना दिया गया. बहुत लंबा संघर्ष चला.”
मल्लिकार्जुन खरगे के लिए पढ़े शेर
पीएम मोदी ने आगे कहा, सभापति जी, खरगे जी आपके सामने बढ़ियां-बढ़ियां शेर सुनाते रहते हैं. उनका शौक है शेर सुनाने का. सभापति जी आप भी बहुत मजा लेते हैं. एक शेर मैंने भी कहीं पढ़ा था….
“तमाशा करने वालों को क्या खबर
हमने कितने तूफानों को पार दीया जलाया है”
खरगे जी की मैं सम्मान करता हूं. शरद पवार हों, खरगे जी, देवगौड़ा जी बैठे हैं, उनकी यह असामान्य सिद्धियां हैं. ऐसा है खरगे जी आपको अपने घर में तो यह बातें सुनने को नहीं मिलेंगी, मैं ही बता देता हूं.
“खरगे जी कविताएं पढ़ रहे थे, लेकिन जो बातें बता रहे थे और आपने सही पकड़ा था कि बताओ तो सही कि यह कविता है कब की. सभापति जी, उनको पता था यह कविता कब की है. भीतर कांग्रेस की दुर्दशा का इतना दर्द पड़ा है, लेकिन वहां हालत यह है कि बोल नहीं सकते, तो उन्होंने सोचा कि यह अच्छा मंच है, यहीं बोल दें. इसलिए उन्होंने नीरज की कविता से अपनी घर की हालत यहां बताई.”
खरगे जी को मैं नीरज जी की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहता हूं…. कांग्रेस सरकार के समय नीरज जी ने यह लिखा था….
है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो, यह मौसम बदलना चाहिए
नीरज ने कांग्रेस के उस कालखंड में यह कविता कही थी. 1970 में जब कांग्रेस का राज चलता था, उस समय नीरज जी का एक कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था “फिर दीप जलेगा”. उसमें उन्होंने कहा था…
मेरे देश उदास न हो
फिर दीप जलेगा
तिमिर ढलेगा..
और सौभाग्य देखिए कि हमारे प्रेरणापुरुष अटल जी ने भी 40 साल पहले कहा था…
सूरज निकलेगा
अंधेर छंटेगा
कमल खिलेगा
नीरज ने कहना था कि जब तक कांग्रेस का सूरज चमकता रहा, देश अंधेर में रहा.
कांग्रेस राज को याद कराया
सदन में कांग्रेस के एक माननीय सदस्य मौजूद हैं, जिनके पिताजी के पास खुद के पैसे थे. वह कार खरीदना चाहते थे. 15 साल तक उनको कार के लिए इंतजार करना पड़ा था, कांग्रेस के राज में. स्कूटर लेना हो तो बुकिंग करवानी पड़ती थी. आठ से दस साल स्कूटर खरीदने में लग जाता था. अगर मजबूरी में उसे बेचना पड़े तो उसके लिए सरकार से परमिशन चाहिए होती थी. गैस सिलेंडर के लिए सांसद को कूपन दिया जाता था, वह अपने इलाके में 25 लोगों को बांट सकता था. टेलीफोन कनेक्शन नहीं मिलता था. जो लोग आज बड़े-बड़े भाषण झाड़ रहे हैं, देश के नौजवानों को उनके लाइसेंसीराज का पता होना चाहिए.
आज भारत रेट ऑफ ग्रोथ को दुनिया देख रही है. हम अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहे हैं. कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर देश चैन की सांस के साथ ऊंची उड़ान भर रहा है.